Women’s Day 2024 Date: महिलाओं की जिम्मेदारी सिर्फ घर तक ही सीमित नहीं है बल्कि समाज के कल्याण में भी महिलाओं का योगदान हैं। महिलाओं की हिस्सेदारी को बढ़ावा देने और उन्हें उनके अधिकारों के बारे में जागरूक करने के लिए हर साल 8 मार्च को अंतरराष्‍ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है। इस साल महिला दिवस शुक्रवार को है। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस को मनाने की शुरूआत साल 1908 में हुई थी। 8 मार्च के दिन ही महिलाओं ने अपने अधिकारों के लिए आंदोलन शुरू किया था। इस दिन अमेरिका के न्यूयार्क शहर में महिलाएं अपने अधिकारों को पाने के लिए सड़क पर उतर आईं थीं।

आंदोलन करने वाली इन महिलाओं की मांग थी कि उनके काम के मुताबिक उनका वर्किंग समय सीमित होना चाहिए। वहीं रूसी महिलाओं ने पहले विश्व युद्ध का विरोध करते हुए महिला दिवस मनाया था। यूरोप में महिलाओं ने 8 मार्च को पीस एक्टिविस्ट्स को सपोर्ट करने के लिए रैलियां निकाली थीं।  

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पूरे इतिहास में महिलाओं द्वारा किए गए अथक प्रयासों को याद करने का एक प्रमाण है। ये दिन याद दिलाता है कि कैसे महिलाओं ने अपने हिम्मत और हौसले से मर्द-औरत के अधिकारों में किए जा रहे भेद के खिलाफ आवाज उठाई।

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस महिलाओं के सम्मान और उनके अधिकारों के लिए मनाया जाता है। ये दिन जीवन के हर पहलू में महिलाओं की उपलब्धियों का जश्न मनाने का दिन है। आज महिलाओं ने अपनी रचनात्मकता, ताकत और चमक से दुनिया के कैनवास को रंग दिया है। जमीन से लेकर आसमान तक, सेना से लेकर खिलाड़ी तक हर फील्ड में महिलाओं की भागेदारी सराहनीय है। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस महिलाओं के योगदान और उनकी भागेदारी पर उन्हें शुभकामनाएं देने का दिन है।

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस 2024 की थीम

हर साल अंतरराष्ट्री महिला दिवस एक खास थीम के साथ मनाया जाता है। इस साल 2024 में महिला दिवस Inspire Inclusion थीम के साथ मनाया जा रहा है। ‘इंस्पायर इंक्लुजन’ कैंपेन के तहत मनाने का मकसद है कि हर फिल्ड में महिलाओं की मौजूदी होना जरूरी है, अगर नहीं हैं तो क्यों नहीं हैं।

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस को मनाने का मकसद

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस को मनाने का खास मकसद महिलाओं को उनके अधिकार और सम्मान दिलाने से है। इस दिन को मनाने का मकसद समाज में महिलाओं को पुरुषों के बराबर अधिकार दिलाना है। उनके हौसले को बढ़ाना है। आज महिलाओं का हौसला ही है तभी तो महिलाएं जहाज़ चलाती है, बस चलाने से लेकर रिक्शा चलाने तक नहीं चूकती। महिलाओं का हौसला बढ़ाने के लिए और उन्हें पुरुषों के बराबर दर्जा देने के लिए ही ये दिन मनाया जाता है।