Diet During Pregnancy: गर्भावस्था के दौरान खान-पान का ध्यान रखना बहुत जरूरी है। उचित पोषण मां और गर्भ में पल रहे बच्चे दोनों के स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है, लेकिन इस स्थिति में उचित पोषण किसी चुनौती से कम नहीं है। एक तरफ जहां महिलाएं मॉर्निंग सिकनेस और जी मिचलाने की वजह से ठीक से खा-पी नहीं पाती हैं तो वहीं कुछ महिलाओं की भूख बढ़ने से उनका वजन भी बढ़ जाता है।

इतना ही नहीं गर्भावस्था के दौरान अत्यधिक वजन बढ़ने से जेस्टेशनल डायबिटीज (प्रेगनेंसी के दौरान होने वाली हाई ब्लड शुगर की समस्या है।) के साथ प्रसव के दौरान सी-सेक्शन और प्री-एक्लेमप्सिया का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए जरूरी है कि आप अपने खान-पान का ध्यान रखें, लेकिन कैसे? गर्भवती महिलाओं को क्या खाना चाहिए और कब खाना चाहिए इसकी पूरी जानकारी होनी चाहिए।

फलों और सब्जियों का सेवन (Healthy diet in pregnancy)

गर्भावस्था के 270 दिनों के दौरान भ्रूण का विकास धीरे-धीरे होता है। यह विकास पूरी तरह से नहीं होता है। इसलिए कैलोरी को धीरे-धीरे बढ़ाना चाहिए। अधिकांश कैलोरी फलों और सब्जियों से लेनी चाहिए। जैसे-जैसे भ्रूण बढ़ता है, मल त्याग थोड़ा धीमा हो जाता है और पोषण की आवश्यकता बढ़ जाती है। इसलिए कुछ समय बाद कुछ खाने की सलाह दी जाती है।

थोड़ा-थोड़ा करके खाएं (Nutrition During Pregnancy)

भोजन से प्राप्त पोषक तत्व मां के रक्त में मिल जाते हैं और भ्रूण तक पहुंच जाते हैं। इसलिए ज्यादा से ज्यादा पोषक तत्व प्राप्त करें जिन्हें आसानी से अवशोषित किया जा सके। थोड़ा-थोड़ा करके कुछ खाने के बाद ग्लूकोज शरीर में धीरे-धीरे बनता है ताकि ब्लड ग्लूकोज लेवल बना रहे।

इन बातों का रखें विशेष ध्यान (How much should I eat during pregnancy?)

एक बार में ज्यादा खाने से बचें, इससे पाचन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। इसलिए थोड़ा भारी नाश्ता करें, लेकिन हल्का लंच और डिनर करें। फाइबर अधिक खाएं। यह कब्ज को रोकने में मदद करेगा। इसके अलावा दिन में कम से कम 10-12 गिलास पानी पिएं। इसके साथ ही इस बात का भी ध्यान रखें कि यदि आप प्रतिदिन 2000 कैलोरी का सेवन करती हैं, तो गर्भावस्था के दौरान यह बढ़कर 2200-2300 हो जाएगी। इससे ज्यादा नहीं। उसी के अनुसार अपने आहार की योजना बनाएं।