देबीना बनर्जी ने हाल ही में एक बेटी को जन्म दिया था। बच्ची का जन्म IVF ट्रीटमेंट के जरिए हुआ है। शादी के 12 साल बाद दंपत्ति को पैरेंट्स बनने का सुख हासिल हुआ था। अब देबिना बनर्जी और गुरमीत चौधरी दूसरी बार पैरेंट्स बनने जा रहे हैं। जोड़े की पहली संतान के जन्म के चार महीनों बाद ही देबीना फिर से मां बनने वाली हैं। उनका मानना था कि ऐसा इसलिए हुआ है क्योंकि वह अपनी बेटी को फीडिंग नहीं करा रही थी।
डॉक्टर के मुताबिक उनका ये तर्क पूरी तरह से गलत था। प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग, फोर्टिस, नोएडा की डॉक्टर मोनिका वधावन, वरिष्ठ सलाहकार कहती हैं जो महिलाएं ब्रेस्ट फीडिंग कराती हैं वो भी छह से आठ सप्ताह के भीतर दूसरी बार प्रेग्नेंट हो सकती है।
अक्सर कुछ महिलाओं के मन में ये सवाल रहता है कि वो डिलीवरी के कितने समय बाद दोबारा प्रेग्नेंट हो सकती हैं। कुछ महिलाओं में ब्रेस्टफीडिंग के दौरान ओवुलेशन देरी से हो सकता है। जितना जल्दी ओवुलेशन होगा, उतना ही जल्दी आप कंसीव कर पाएंगी। आइए एक्सपर्ट से जानते हैं कि महिलाओं को पहली प्रेग्नेंसी के बाद दूसरी प्रेग्नेंसी कितने दिनों बाद प्लान करना चाहिए।
बॉडी दूसरी डिलीवरी के लिए कब फिट होती है:
एक बार जब मां प्रसवोत्तर अवधि (post-partum period) को पार कर लेती है, जिसे प्यूपेरियम भी कहा जाता है, जो लगभग चार से छह सप्ताह का होता है, तो उसके सभी अंग अपने मूल आकार में वापस आ जाते हैं। ओव्यूलेशन भी शुरू हो जाता है और भले ही महिला को पीरियड नहीं हो क्योंकि वह स्तनपान करा रही है।
डिलीवरी के 4 से छह सप्ताह में महिला फिर से दूसरे बच्चे को जन्म दे सकती है। इसलिए डॉक्टर हमेशा छह सप्ताह के बाद नई मां को अनचाहे गर्भ से बचने के लिए गर्भनिरोधक लेने की सलाह देते हैं। वैसे ब्रेस्ट फीडिंग कराने वाली मां के दोबारा प्रेग्नेंट होने की संभावना कम होती है। उसका शरीर उसे अपने बच्चे की देखभाल करते समय एक और बच्चे का भार उठाने की अनुमति नहीं देता है।
दूसरी प्रेगनेंसी में कितना गैप होना चाहिए:
डिलीवरी के बाद महिलाओं को कम से कम 12 महीने तक इंतजार करना चाहिए। यूएस डिपार्टमेंट ऑफ हैल्थ एंड ह्यूमन सर्विसेस के अनुसार दूसरी प्रेगनेंसी में इतने समय का गैप तो होना ही चाहिए। दो बच्चों के बीच 6 महीने से कम समय का गैप रखने से प्रीमैच्योर बर्थ या बच्चे का जन्म के समय वजन कम होने का खतरा बढ़ सकता है। नॉर्मल डिलीवरी से लेकर सीजेरियन डिलीवरी के बाद छह महीनों के अंदर बॉडी दोबारा प्रेग्नेंट होने के लिए तैयार हो जाती है।
