Lalu Prasad Yadav: आरजेडी सुप्रिमो लालू प्रसाद यादव अपनी ठेठ बेबाक शैली के लिए मशहूर रहे हैं। वे चुटीले अंदाज में बड़ी और गंभीर बातें कह जाते हैं। ऐसा ही एक मौका तब आया था जब सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे लोकपाल के लिए आंदोलन कर रहे थे। उस दौरान लालू के एक बयान के चलते दोनों के समर्थक आमने-सामने आ गए थे। दरअसल, लालू ने ब्रह्मचारी को लाचार ब्रह्मचारी बता दिया था। उनका निशाना अन्ना की तरफ था।

अन्ना ने अनशन को बताया था ब्रह्मचर्य की ताकत: जब लालू यादव द्वारा अन्ना हजारे का मजाक उड़ाने की खबर फैली तो इस पर अन्ना हजारे ने भी पलटवार किया था। उन्होंने कहा कि ये ब्रह्मचर्य की ताकत है। 10-12 बच्चे वाले लोग इसे कैसे जानेंगे?

बाद में लालू ने इंडिया टीवी को दिये एक इंटरव्यू में इसका जवाब देते हुए कहा था कि मुझे ब्रह्मचारियों के विषय में खूब जानकारी है, लेकिन मैं किसी का नाम नहीं लेना चाहता हूं। क्योंकि बहुत सारे ब्रह्मचारी, लाचारी ब्रह्मचारी होते हैं। जहां तक मेरे 9 बच्चों का सवाल है तो वे बच्चे अपने भाग्य से आए हैं। बता कि अन्ना हजारे ने शादी नहीं की है और खुद को ब्रह्मचर्य कहते हैं।

लालू ने कहा था- अन्ना का आदर करता हूं.. बाद में लालू प्रसाद यादव ने कहा था कि उन्होंने अन्ना हजारे का मजाक नहीं उड़ाया। बस संसद में ये बता रहे थे कि जब 73 साल का बुजुर्ग व्यक्ति लगातार 13 दिनों तक अनशन पर बैठ रहा है तो हमें उससे कुछ सीख लेनी चाहिए। भावी पीढ़ी के लोग जब भी आमरण अनशन पर बैठने की सोचेंगे तो अन्ना हजारे से सीख लेंगे।

उनके इस बयान को लोगों ने गलत तरीकों से प्रचारित किया और कह दिया कि लालू यादव ने अन्ना के अनशन को ढकोसला बताया है। लालू ने तब यह भी कहा था कि लोगों को अनशन करना चाहिए क्योंकि इससे पेट साफ रहता है।

लोकपाल पर भी ठन गई थी: जब अन्ना हजारे भ्रष्टाचार विरोधी लोकपाल कानून बनवाने की मांग कर रहे थे तब लालू प्रसाद यादव ने कहा था कि इस कानून के आने से भी भ्रष्टाचार खत्म नहीं होगा। अगर सच में भ्रष्टाचार खत्म करना है तो संदिग्ध राजनेताओं की संपत्ति को जब्त करके पूरी जांच होनी चाहिए और इसके लिए एक ठोस कानून बनाने की जरूरत है। उनके इस बयान की एक वर्ग ने काफी आलोचना की थी।