उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले सियासी सरगर्मियां बढ़ गई हैं। इन सरगर्मियों-सुर्खियों के केंद्र में दो राजनेता हैं, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव। एक तरफ, सीएम योगी अपनी रैलियों में अखिलेश को उनका कार्यकाल याद दिला निशाना साध रहे हैं तो दूसरी तरफ अखिलेश बेरोजगारी-महंगाई जैसे मुद्दों को लेकर सरकार पर हमलावर हैं।

हलफनामे में नहीं है मास्टर्स डिग्री का जिक्र: अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने मैसूर यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन किया है। सपा नेता के बारे में यह भी कहा जाता है कि उन्होंने ऑस्ट्रेलिया से एनवायरमेंटल इंजीनियरिंग में मास्टर्स की डिग्री हासिल की है। हालांकि साल 2019 के लोकसभा चुनाव के वक्त दिए हलफनामे पर नजर डालें तो इसमें उन्होंने सिर्फ मैसूर यूनिवर्सिटी से अपनी बैचलर इन इंजीनियरिंग (सिविल इन्वायरमेंट) का ही जिक्र किया है। तमाम विपक्षी नेता समय-समय पर उनकी मास्टर्स की डिग्री को लेकर उनपर सवाल उठाते रहे हैं।

अमर सिंह ने उठाए थे सवाल: कभी समाजवादी पार्टी के महासचिव और मुलायम के दाहिने हाथ रहे अमर सिंह जब पार्टी से अलग हुए और दोनों के रिश्ते में खटास आई तो उन्होंने अखिलेश को लेकर तमाम दावे किए थे। वरिष्ठ पत्रकार और लेखिका सुनीता एरॉन अपनी किताब ‘अखिलेश यादव: विंड्स ऑफ चेंज’ में लिखती हैं कि अखिलेश यादव जब सिडनी पढ़ाई के लिए गए तो अमर सिंह अक्सर उनसे मिलने जाया करते थे। बाद में जब रिश्ते में खटास आई तो उन्होंने अखिलेश की डिग्री पर ही सवाल उठा दिया था।

‘मुलायम सिंह हो गए थे नाराज’! अमर सिंह ने सुनीता एरॉन से बातचीत में कहा था कि, ‘जहां तक मुझे मालूम है अखिलेश ने अपनी मास्टर्स की डिग्री कभी पूरी ही नहीं की… वह परीक्षा के दौरान अपने सिख दोस्तों के साथ कनाडा चले गए थे। मुलायम सिंह यादव उनकी इस हरकत से बेहद नाराज हुए थे और चिंतित थे।’

‘सच्चाई नेताजी और डिंपल जानते हैं’: अमर सिंह के इस दावे पर जब सुनीता एरॉन ने अखिलेश से सवाल किया तो उन्होंने कहा था, ‘अंकल (अमर सिंह) काफी दिनों से ऐसा कहते आ रहे हैं। इसके पीछे राजनीति वजहें हैं। वे चाहते हैं कि मैं उनसे जुबानी जंग में उलझूं। लेकिन मैं ऐसा क्यों करूंगा? सच्चाई क्या है यह नेताजी और मेरी पत्नी डिंपल जानते हैं।’

‘टीपू’ ने बताई थी सच्चाई: अखिलेश यादव ने इसी बातचीत में स्वीकार किया था कि मास्टर्स की पढ़ाई के दौरान हमें कुछ कोर्स वर्क और थीसिस पर काम करना होता था। मैंने कोर्स वर्क तो कंप्लीट किया था लेकिन थीसिस सबमिट नहीं कर पाया था। इसी दौरान मैं भारत वापस आ गया था और अपना रिजल्ट नहीं ले पाया। बाद में मौका ही नहीं मिला।