हमारा शरीर कई तरह के पोषक तत्व और एसिड बनाता है यूरिक एसिड भी उनमें से एक है। ज्यादातर यूरिक एसिड खून के रास्ते किडनी तक पहुंचते हैं और यूरिन के रास्ते बॉडी से बाहर भी निकल जाते हैं। यूरिक एसिड का बनना परेशानी की बात नहीं है वो सभी की बॉडी में बनते हैं। यूरिक एसिड का बॉडी से बाहर नहीं निकलना आपको गाउट का शिकार बना सकता है। यूरिक एसिड बढ़ने पर वो जोड़ों में क्रिस्टल के रूप में जमा होने लगता हैं और जोड़ों में दर्द का कारण बनता हैं।

यूरिक एसिड बढ़ने से कई तरह की परेशानियां होने लगती हैं जैसे एड़ियों में दर्द, पिंडलियों में दर्द, घुटनों और जोड़ों में दर्द की परेशानी हो जाती है। यूरिक एसिड बढ़ने से डायबिटीज और किडनी की परेशानी होने का खतरा भी अधिक रहता है। आप भी यूरिक एसिड के बढ़ने से परेशान हैं तो कुछ खास फूड का सेवन करें।

यूरिक एसिड को कंट्रोल करने में दूध का सेवन बेहद असरदार साबित होता है। दूध में बकरी का दूध सेहत को बेहद फायदा पहुंचाता है। आइए जानते हैं कि यूरिक एसिड के मरीजों के लिए कौन सा दूध बेहतर है।

कम फैट वाला दूध यूरिक एसिड करता है कंट्रोल: यूरिक एसिड के मरीज कम फैट वाले दूध का सेवन करें। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार दूध और शाकाहारी प्रोटीन युक्त डाइट बॉडी में मौजूद एक्सट्रा यूरिक एसिड को बॉडी से बाहर निकालते हैं।

बकरी का दूध करता है यूरिक एसिड कंट्रोल: बकरी का दूध यूरिक एसिड को कंट्रोल करने में बेहद असरदार साबित होता है। एंटी-इंफ्लामेटरी गुणों से भरपूर बकरी का दूध सूजन को कम करता है और जोड़ों के दर्द से राहत दिलाता है। यूरिक एसिड बढ़ने पर जोड़ों में दर्द बेहद परेशान करता है अगर आप रोजाना बकरी के दूध का सेवन करेंगे तो यूरिक एसिड कंट्रोल रहेगा।

इस दूध में एमिनो एसिड ट्रिप्टोफेन भरपूर मात्रा में होता है, जो कि हमारी हड्डियों और दांतों को मजबूत रखता है। इस दूध का सेवन करने से ऑस्टियोपोरोसिस होने की संभावना कम रहती है। बकरी का दूध आयरन और कॉपर से भी भरपूर होता है जो मेटाबॉलिज्म को बूस्ट करता है। गाउट में हड्डियों में दर्द की समस्या बेहद परेशान करती है ऐसे में बकरी का दूध दवा का काम करता है। इस दूध में कैल्शियम भरपूर होता है जिसकी वजह से बॉडी पर इसका कोई साइड इफेक्ट नहीं होता।