माता-पिता अपने बच्चों का ख्याल उनके जन्म से लेकर बड़े होने तक काफी बेहतर तरीके से रखते हैं। जब बच्चा छोटा होता है तो पैरेंट्स हर तरह से उसका केयर करते हैं। हालांकि, बच्चा जैसे-जैसे बड़ा होता है और पढ़ने के लिए स्कूल जाने लगता है उसके बाद माता-पिता की उम्मीदें बढ़ने लगती है। बच्चा जैसे ही कुछ बड़ा होता है, तभी से माता-पिता उस पर कुछ बनने का बोझ डाल देते हैं। यह काफी कम देखने को मिलता है।
कई बार पेरेंट्स बच्चों को अपने करियर में कुछ बेहतर करने के लिए ऐसा दबाव डालते हैं। हालांकि, कई बार पैरेंट्स अपने बच्चों पर इतना दबाव डाल देते हैं, जिससे उनका मनोबल ही टूट जाता है। इस लेख में हम आपको टाइगर पैरेंटिंग के बारे में बताएंगे। साथ ही यह भी बताएंगे कि यह बच्चों के लिए कितना खतरनाक होता है।
क्या है टाइगर पैरेंटिंग?
टाइगर पैरेंटिंग एक ऐसे पैरेंटिंग स्टाइल है, जिसमें माता-पिता अपने बच्चों से अधिक उम्मीद रखते हैं। इसमें माता पिता अपने बच्चों को अनुशासन काफी सख्ती के साथ पालन कराते हैं। माता-पिता अपने बच्चों से इसमें पढ़ाई, करियर और अन्य क्षेत्रों में बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद करते हैं और कई बार उन पर सख्ती भी करते हैं।
टाइगर पैरेंटिंग कितना है खतरनाक?
टाइगर पैरेंटिंग के फायदे और नुकसान दोनों है। हालांकि, कई मामलों में यह खतरनाक भी हो सकता है। कई बार पैरेंट्स अपने बच्चों के साथ इस मामले में अधिक सख्ती बरतते हैं, जिसमें यह काफी खतरनाक हो सकता है। इससे बच्चों की मानसिक स्वास्थ्य स्थिति बिगड़ सकती है और वह अपने पेरेंट्स से दूरी भी बना सकते हैं। वहीं, माता-पिता के इस सख्ती के वजह से बच्चे जिद्दी या फिर बगावती स्वभाव के हो जाते हैं।
टाइगर पैरेंटिंग के फायदे
टाइगर पैरेंटिंग में बच्चे अनुशासन में हो जाते हैं और उनको हर समय मेहन करने की आदत पड़ जाती है, जिससे वह अपने करियर में किसी भी क्षेत्र में सफलता आसानी से पा सकते हैं। इस तरह के बच्चों के बार आगे बढ़ने के लिए एक बेहतर रोड मैप होता है। आगे पढ़िए- ये हैं दुनिया की 3 सबसे महंगे कुत्तों की नस्ल