भारत के राष्ट्रीय प्रतीक में भारतीय मुद्रा भी अहम मानी जाती है। जिस प्रकार हर एक राष्ट्रीय प्रतीक का अपना अलग महत्व होता है और देश की छवि को दर्शाता है। ठीक उसी प्रकार भारतीय मुद्रा भी देश कि आर्थिक मजबूती और लेन -देन की स्थिति को दर्शाती है। तो आइए जानते हैं भारतीय मुद्रा के चिन्ह के बारे में –
बता दें कि भारत की आधिकारिक मुद्रा भारतीय रुपया है और इस रुपये का प्रतीक ‘₹’ है। भारत सरकार ने 15 जुलाई 2010 में इस चिन्ह को स्वीकार कर लिया था। भारतीय करेंसी यानी कि रुपये का यह चिन्ह उदय कुमार ने बनाया है जो कि आईआईटी मुंबई के पोस्ट ग्रेजुएट के छात्र रह चुके हैं। इस चिन्ह को चुनने के लिए वित्त मंत्रालय ने एक खुली प्रतियोगिता का आयोजन किया था और फिर उस प्रतियोगता के हजारों डिजाइन में से रुपये का यह चिन्ह चुना था।
राष्ट्रीय मुद्रा – रूपया (National Currency Of India – Rupee)
बता दें कि भारत की आधिकारिक करेंसी से जुड़े सभी मुद्दों रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई ) नियंत्रित करता है। इसके अलावा भारतीय रुपये देवनागरी व्यंजन और लेटिन अक्षर आर से चिन्हित किया गया है। सरकार के चिन्ह स्वीकार करने के एक साल बाद यानी कि 2011 में देश में इस नए चिन्ह वाले सिक्कों की शुरुआत हुई थी।
भारत में पहली बार सिक्के की हुई थी शुरुआत (When was the first coinage invented?)
इसके अलावा भारत में पहली बार रुपया शेर शाह सूरी ने साल 1540-45 के बीच जारी किया था। वहीं दूसरी ओर बात अगर पहले पेपर नोट की जाए तो पहला पेपर नोट बैंक ऑफ हिंदुस्तान ने जारी किया था। कागज के रुपये के चलने की बात करें तो पहली बार 1770-1832 के बीच कागजी रुपये की शुरुआत बैंक ऑफ हिंदुस्तान ने की। बाद में 1 अप्रैल 1935 को जब रिजर्ब बैंक की स्थापना हुई तो 1938 में बैंक ने 5 रुपये का पहला नोट जारी किया। बाद में इसी साल 10 रुपये 100 रुपये 1000 रुपये और 10,000 रुपये के नोट रिजर्ब बैंक ने जारी किए।
भारतीय मुद्रा से जुड़े कुछ रोचक तथ्य (Some interesting facts related to Indian currency)
- भारत सरकार ने करेंसी का चिन्ह यानी कि ‘₹’ को 2010 में स्वीकार किया था।
- हर एक भारतीय मुद्रा को अलग प्रकर से डिजाइन किया जाता है ताकि वह किसी ओर देश की मुद्रा के समान न हो।
- भारत के अलावा रूपया इंडोनेशिया, पाकिस्तान, नेपाल, श्रीलंका और मॉरीशस की करेंसी भी है।
- रुपये का डिजाइन बनाने वाले उदय कुमार को 2.5 लाख का आरबीआई की ओर से इनाम भी दिया गया था।
