हृदय शरीर का सबसे जरूरी अंग है ऐसे में दिल ही स्वस्थ न रहे तो बड़ी मुश्किल पैदा हो जाती है। अक्सर आपने सुना होगा कि जब भी किसी व्यक्ति के सीने में दर्द होता है, तो वो उसे गैस या एसिडिटी का मानकर इग्नोर कर देता है। ऐसे में कई बार कुछ केस सामने आये थे जिन्हें एसिडिटी का मानकर इग्नोर कर दिया गया, लेकिन वो था हार्ट अटैक।
हमारे आस-पास बहुत से ऐसे लोग हैं जिन्हें सामान्य चेस्ट पेन और हार्ट अटैक के दर्द में अंतर कर पाना मुश्किल होता है। ऐसे में कई परिवार वालों को भारी क्षति का सामना करना पड़ता है। अगर आपके भी छाती में दर्द होता है और आप भी गैस के दर्द और हार्ट अटैक का पता नहीं कर पाते हैं तो यह खबर जरूर पढ़ें। बाबा रामदेव से जानिए की हृदय को कैसे स्वस्थ रखना चाहिए-
कानपुर के गैस्ट्रो- लिवर हॉस्पिटल के डॉक्टर वीके मिश्रा के मुताबिक छाती में होने वाला हर दर्द हार्ट अटैक नहीं होता। कई दफा सीने में गैस और जलन को भी हार्ट अटैक समझ लिया जाता है क्योंकि दोनों में ही दर्द एक जैसा होता है।
सीने में दर्द किस वजह से है ये कैसे जानें?
अधिकतर कार्डियक चेस्ट पेन और नॉन कार्डियक चेस्ट पेन स्टर्नम यानी गर्दन और पेट को जोड़ने वाली हड्डी के नीचे होता है। लेकिन कार्डियक चेस्ट पेन थोड़ा बाई तरफ अधिक होता है। सीने के बाएं हिस्से में चाहे बाया कंधा हो, पीठ, हाथ या उंगलियां सभी में हल्का दर्द महसूस होगा। वहीं नॉन कार्डियक चेस्ट पेन यानी सीने में अगर दर्द गैस के कारण होगा तो वो कभी भी बाएं हाथ में नहीं होगा। वो आपके स्टर्नम के नीचे जलन पैदा करेगा।
योग गुरु बाबा रामदेव दिल को जवान और स्वस्थ रखने के लिए सबसे अच्छा उपचार योग को मानते हैं। उनके अनुसार दिल को स्वस्थ रखने के लिए कुछ योग–
यौगिक जॉगिंग: सुबह उठ कर यौगिक जॉगिंग करने से कोलेस्ट्रॉल कम होता है। शरीर में मौजूद फैट को कम करता है जिससे शरीर फिट और लचीला होता है।
प्रस्थित हस्तासन: दिल की बीमारी के लिए प्रस्थित हस्तासन लाभदायक योग है। इस आसन से छाती चौड़ी होती है, एलर्जी की समस्या दूर होती है, इम्यून सिस्टम और लंग्स मजबूत होता है। इसके साथ ही वजन कम होता है।
मर्कटासन: मर्कटासन रीढ़ की हड्डी के लिए बेहतर योग है। दिल और दिमाग को शांत करने में मदद करता है। रीढ़ की हड्डी लचीली होती है। साथ ही कमर पतली होती है।