पेगासस के जरिये कथित जासूसी को लेकर विपक्ष सरकार पर हमलावर है। बुधवार को राहुल गांधी की अगुवाई में 14 दलों के सांसदों ने संसद भवन से विजय चौक तक पैदल मार्च निकाला। ये कोई पहली बार नहीं है जब किसी सरकार पर जासूसी के आरोप लगे हों। इससे पहले पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी पर भी जासूसी करवाने के आरोप लगे थे। दावा किया गया था कि उन्होंने खुद अपनी बहू मेनका गांधी की जासूसी करवाई थी।
आईबी के पूर्व संयुक्त निदेशक रहे मलोय कृष्ण धर ने अपनी किताब ‘ओपन सीक्रेट्स इंडियन इंटेलिजेंस अनवील्ड’ में कई चौंकाने वाले दावे किए थे। किताब में दावा किया गया था, ‘इंदिरा गांधी पहली राजनेता थीं जिन्होंने जासूसी करवाई थी। इंदिरा गांधी ने आईबी को तत्कालीन राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह पर नज़र रखने के लिए कहा था। इंदिरा गांधी के आदेश पर जरनैल सिंह भिंडरावाला से बातचीत को रिकॉर्ड किया गया था और ये रिकॉर्डिंग इंदिरा को सौंपी गई थी। हालांकि बाद में ज्ञानी जैल सिंह को इस बारे में पता चल गया था और फिर वो लोगों से बाहर गार्डर एरिया में ही मिला करते थे।’
एम.के धर आगे लिखते हैं, ‘इंदिरा गांधी ने अपनी बहू मेनका गांधी पर भी आईबी को नज़र रखने के लिए कहा था। आईबी ने मेनका के सभी दोस्तों की जासूसी की थी और उनकी बातचीत को टेप किया था। यहां तक कि मेनका की मां की भी जासूसी की थी। उनके द्वारा चलाई जा रही मैगजीन के एडिटोरियल बोर्ड की भी जासूसी करवाई गई थी।’
प्रणब मुखर्जी ने भी लगाए थे जासूसी के आरोप: पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने भी साल 2011 में वित्त मंत्री रहते हुए जासूसी करवाने के आरोप लगाए थे। प्रणब मुखर्जी ने कहा था कि उनके कार्यालय की जासूसी करवाई जा रही है। उस दौरान गृह मंत्रालय की कमान पी. चिदंबरम के हाथ में थी। हालांकि बाद में आईबी ने कहा कि मुखर्जी के कार्यालय की कभी कोई जासूसी नहीं की गई है। ‘बीबीसी’ में छपी एक रिपोर्ट में दावा किया गया, लाल कृष्ण आडवाणी ने भी यूपीए के शासनकाल के दौरान आरोप लगाया था कि उनकी जासूसी करवाई जा रही है।