Basundi: बासुंदी खाई है आपने? अगर नहीं तो त्योहारों के इस सीजन में आपको जरूर ट्राई करना चाहिए। दरअसल ये किसी मिठाई जितना ही टेस्टी होता है या शायद उससे भी ज्यादा। इसे खाने के बाद आपको महसूस हो सकता है कि आपने रबड़ी खाई है या फिर आपने रसमलाई जैसा कुछ खाया है। इसमें दूध के साथ ड्राई फ्रूट्स समेत कई सारे फलों का भी इस्तेमाल किया जाता है। इतना ही नहीं बासुंदी को बनाने की अलग-अलग जगहों की अलग-अलग रेसिपी है। आज हम एक ऐसी ही रेसिपी शेयर करेंगे पर उससे पहले जान लेते हैं बासुंदी क्या है और कहां की डिश है।

बासुंदी क्या है और कहां की डिश है-Where is the origin of basundi

बासुंदी पारंपरिक रूप से गुजराती डिश है लेकिन ये महाराष्ट्र और साउथ इंडिया के कुछ हिस्सों में भी काफी फेमस है। इसमें फुल फैट वाले दूध को तब तक उबाला जाता है जब तक कि यह थोड़ा गाढ़ा न हो जाए और आधा न बच जाए। फिर इसे चीनी मिलाकर मीठा किया जाता है और फिर धीमी आंच पर पकाया जाता है। अंत में इलायची और जायफल जैसे सुगंधित मसालों से इसका स्वाद बढ़ाया जाता है।

लेकिन, महाराष्ट्र, गुजरात, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, तमिलनाडु और कर्नाटक में इसकी अलग ही रेसिपी है। यहां इसे अलग-अलग तरीके से बनाया और खाया जाता है। तो आइए जानते हैं इसकी एक पारंपरिक रेसिपी।

सीताफल बासुंदी रेसिपी-Sitaphal Basundi Recipe in Hindi

सीताफल से बासुंदी बनाना बहुत मुश्किल नहीं है। आपको करना ये है कि
-एक किलो फूल फैट दूध लें इसे धीमी आंच पर तब तक पकाएं जब तक कि ये आधा न हो जाए।
-अब 2 सीताफल को काटकर इसका बीज निकालकर इसे मिक्सर में डालकर गाढ़ा प्यूरी जैसा बनाकर रख लें।
-इसके बाद आपको करना ये है कि जब दूध गाढ़ा होकर एक दम लाल होने लगे तो इसमें इलायची और जायफल का पाउडर डालें।
-केसर और चीनी डालकर पकाएं।
-जब ये पूरी तरह से पक जाए को गैस ऑफ करें।
-जैसे ही दूध थोड़ा ठंडा हो जाए इसमें सीताफल की प्यूरी मिला लें।
-2 मिनट तक लगातार चलाएं और फिर ड्राई फ्रूट्स मिलाकर इसे सर्व करें।

आप चाहें तो इसे ठंडा करके भी खा सकते हैं। इसका टेस्ट बहुत अच्छा होता है और व्रत के दौरान भी आप इसे आराम से खा सकते हैं। तो इन टिप्स को अपनाएं और इस रेसिपी को जरूर ट्राई करें