मकर संक्रान्ति पर इस बार दुर्लभ महायोग (मकर संक्रान्ति पर सर्वार्थ सिद्धि योग, अमृत सिद्धि योग के साथ चंद्रमा कर्क राशि में और अश्लेषा नक्षत्र व प्रीति तथा मानस योग रहेगा) बन रहा है, जो बहुत ही दुर्लभ और श्रेष्ठ योग है। 14 जनवरी को प्रात: 7 बजकर 38 मिनट पर मकर संक्रान्ति के दिन सूर्य देव अपने पुत्र शनि के घर मकर राशि में प्रवेश करेंगे। यह पर्व पुण्यकाल की दृष्टि से दिनभर रहेगा। पिता-पुत्र का मिलन होगा, जो दो माह तक रहेगा। सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करते ही सूर्य दक्षिणायण से उत्तरायण हो जाएंगे। इसके चलते मलमास की समाप्ति हो जाएगी। इससे विवाह जैसे शुभ, मांगलिक कार्य शुरू हो जाएंगे।

चूंकि उदयकाल की साक्षी में होने वाले इस प्रवेशकाल का धर्म शास्त्रीय महत्त्व है। इस दृष्टि से मकर संक्रान्ति का महापर्वकाल विशेष महत्त्वपूर्ण माना जाता है। देवीपुराण में लिखा है कि ‘जो व्यक्ति मकर संक्रांति के पवित्र दिन तीर्थ स्नान नहीं करता, वह सात जन्मों तक रोगी और निर्धन ही बना रहता है। इस पर्व पर तीर्थराज प्रयाग एवं गंगासागर में स्नान को महास्नान की संज्ञा दी गई है। शनि देव चूंकि मकर राशि के स्वामी हैं, अत इस दिन को मकर संक्रांति के नाम से जाना जाता है। मकर संक्रांति को तमिलनाडु में पोंगल के नाम से जाना जाता है।

VIDEO: मकर संक्रांति 2017: बन रहा यह दुर्लभ संयोग

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