उत्तर प्रदेश में होने जा रहे विधानसभा चुनाव को देखते हुए प्रतापगढ़ के कुंडा से विधायक राजा भैया एक बार फिर चर्चा में हैं। राजा भैया ने साफ कर दिया है कि इस बार उनकी पार्टी समान विचारधारा वाले दलों से ही गठबंधन करेंगे। हालांकि अभी तक उन्होंने किसी भी दल के साथ गठबंधन की घोषणा नहीं की है। राजा भैया ने साल 1993 में पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ा था और इस चुनाव में उनकी शानदार जीत हुई थी। इसके बाद से वह लगातार सात बार कुंडा से विधायक चुने गए थे।
राजा भैया के सियासी सफर में उन्हें काफी उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ा था। साल 2002 में बीएसपी की सरकार के दौरान उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था। मायावती सरकार में राजा भैया पर ये कार्रवाई बीजेपी विधायक पूरण सिंह बुंदेला की शिकायत पर हुई थी। राजा भैया ने ‘न्यूज़24’ से बातचीत में जेल के दौरान का एक किस्सा सुनाया था। उन्होंने बताया था, ‘मायावती की सरकार में सुबह 3 बजे आपको उठाकर जेल भेजा गया था?’
राजा भैया का जवाब: इसके जवाब में मुस्कुराते हुए उन्होंने कहा था, ‘हमारे लिए वो बहुत अच्छा रहा। हम ये नहीं कह रहे हैं कि अपराधियों को ही जेल जाना चाहिए। राजनैतिक कारण से लोग जेल जाते हैं। इससे व्यक्तित्व में भी निखार आता है और बहुत अनुभव होता है। जेल में कई अधिकारी कहते थे कि आप हमारी सारी कमियां जान चुके हैं। अगर आप गलती से कारागार मंत्री बन गए तो आप सब समझ जाएंगे कि हम क्या करते हैं, कहां से पैसे कमाते हैं।’
राजा भैया आगे कहते हैं, ‘ये सब हमारा हंसी-मजाक उनसे चलता था क्योंकि हम बहुत सारी जेल जा चुके हैं। आगे हुआ भी ऐसा ही, हमारा कार्यकाल बहुत छोटा था, लेकिन उस दौरान हमने कई सुधार किए। अधिकारी, कर्मचारियों की जीवनशैली और जेल में मिलने वाली सुविधाओं पर खास ध्यान दिया। इसके लिए हमारा कार्यकाल आजतक याद किया जाता है और उसे कोई भी अधिकारी खराब नहीं बता सकता है।’
कौन हैं राजनीतिक गुरु? राजा भैया ने बताया था, ‘वह सरदार पटेल को अपना राजनीतिक गुरु मानते हैं और उनके विचारों का ही पालन करते हैं। मुलायम सिंह यादव जी हमारे से बहुत वरिष्ठ हैं और हम हर चीज उनसे सीखते भी हैं। लेकिन उन्हें हमारा राजनीतिक गुरु कहना ठीक नहीं हैं। उनका सम्मान था, है और हमेशा रहेगा।’