उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के चुनाव प्रचार की कमान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ संभाल रहे हैं। हाल ही में एक रैली में योगी ने अखिलेश यादव पर जमकर निशाना साधा था। अखिलेश यादव के मोहम्मद अली जिन्ना को लेकर दिए गए बयान पर उन्होंने कहा, ‘समाजवादी पार्टी के मुखिया ने जिन्ना की तुलना सरदार पटेल से की। ये तालिबानी मानसिकता भारत को विभाजित करने में विश्वास करती है।’ अब सीएम योगी का एक पुराना इंटरव्यू भी वायरल हो रहा है।

वायरल हो रहे इंटरव्यू में योगी आदित्यनाथ से अखिलेश यादव के द्वारा शुरू की गई योजनाओं को लेकर सवाल किया जाता है। वह साफ कहते हैं कि पिछली सरकारों की कोई ऐसी ठोस योजनाएं नहीं थीं जिन्हें चालू रखा जाए। रजत शर्मा सवाल पूछते हैं, ‘अखिलेश यादव की योजनाओं को आपने जारी रखा है या नहीं? योगी जी के राज में चला नया दौर, काम किसी और का फीता काटे कोई और।’

इसके जवाब में योगी आदित्यनाथ कहते हैं, ‘ये तो उन्हें खुद विचार करना चाहिए कि जनता ने उन्हें सत्ता से क्यों बेदखल किया है। हमारी नीतियां और कार्य जनहित में हैं। यही वजह है कि जनता हमारे साथ में थी। जहां तक योजनाओं को जारी रखने की बात है तो उनकी जो योजनाएं प्रदेश के हित में थीं वो चल रही हैं। जो योजनाएं उनकी एक वर्ग विशेष की तुष्टि के लिए रही होंगी या एक पार्टी के लोगों को संतुष्ट करने के लिए रही होंगी वो बंद कर दी गई हैं।’

योगी का जवाब: रजत शर्मा अगला सवाल करते हैं, ‘अखिलेश यादव का कहना है कि वो अपनी बात या काम को जनता तक पहुंचा नहीं पाए और आपने सोशल इंजीनियरिंग करके सभी जातियों को इकट्ठा करके सरकार बना ली।’ इसके जवाब में योगी कहते हैं, ‘अखिलेश जी ने काम नहीं कारनामे किए थे। उन कारनामों को हर व्यक्ति जानता है। प्रदेश के अंदर दंगों का दौर उन्हीं के समय चला था। कोई व्यक्ति सुरक्षित था प्रदेश के अंदर? कैराना जैसी घटनाएं भी उन्हीं की सरकार रहते हुई थी। प्रदेश के अंदर के हर प्रकार की अराजकता उन्हीं की सरकार में हुआ था।’

सीएम योगी ने एक अन्य इंटरव्यू में कहा था, ’24 महीने के अंदर देश के सबसे बड़े एक्सप्रेस-वे को हम लोग बनाने जा रहे हैं। बहुत जल्द प्रधानमंत्री मोदी से इसका शिलान्यास करवाया जाएगा। अगर इसका श्रेय भी अखिलेश लेना चाहते हैं तो ले सकते हैं। बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे हम लोग देने जा रहे हैं। सर्वे का काम हम लोग कर रहे हैं। अब वो कहेंगे कि मुझे सपने में आया था कि बुंदेलखंड में भी कोई एक्सप्रेस-वे बनना चाहिए, अब इन सब बातों का कोई मतलब नहीं है।’