आजकल की व्यस्त जिन्दगी में हमारा खाना-पीना रहन-सहन ऐसा हो गया हैं कि हम बाजार से पैकेट बंद चीजों या फास्ट- फूड लाते है और उनका सेवन करते है। पैकेट बंद चीजें हों या फास्ट-फूड हो इनका अधिक सेवन हमारी सेहत के लिए अच्छा नहीं है जिसकी वजह से हमें बहुत सी बीमारियां लग जाती हैं या हमारा वजन बढ़ने लगता है।
बाबा रामदेव के मुताबिक योग के माध्यम से हम स्वस्थ रह सकते है। रोज योग करने से आप तनाव मुक्त भी रह सकते है और सुंदर भी दिख सकते है इसलिए आज हम आपको बाबा रामदेव के सुझाए गए कुछ ऐसे योगासनों के बारे में बताने जा रहे हैं जिसकी मदद से आप अपने शरीर को स्वस्थ रख पाएंगे और साथ ही खुद को कई बीमारियों से दूर भी रख सकते हैं।
त्रिकोणासन: यदि आप अपने पेट की चर्बी को कम करना चाहते है तो आप त्रिकोण आसन करके ऐसा कर सकते है। इस आसान को करने से पहले सीधे खड़े हो जाएं उसके बाद अपने पैरों को एक मीटर की दूरी तक फैलाएं और फिर अंदर की ओर सांस भरें। अपनी दोनों बाजुओं को कंधे की सीध में ले जाएं फिर कमर से आगे की ओर झुकें। इसी बीच सांस छोड़ें।

धनुरासन: अगर आप भी रीढ़ की हड्डी को लचीला, मजबूत और शरीर को सुडौल बनाना चाहते है तो आप धनुरासन की करको ऐसा कर सकते है। इस आसान को करने से पहले एक साफ और बराबर जगह पर पेट के बल लेट जाएं और अपनी हथेलियों को जमीन पर रखकर अपने मुंह को जमीन से ऊपर की ओर उठाएं। इसके बाद अब अपने दोनों हाथों को जमीन से हटा लीजिये। अब आपका शरीर आपके पेट के सहारे जमीन पर टिका हैं। अब दोनों पैरों को भी जमीन से उठा लीजिये और अपने दोनों हाथों से अपने पैरों को पकड़ने का प्रयास करें। जब आप इस क्रिया को करें तो अपने दोनों घुटनों को साथ में जोड़ने की कोशिश करें।

हलासन: हलासन की मदद से आप सिरदर्द नींद न आने की समस्या से निजात पा सकते है। इस आसन को करने से मधुमेह के रोगियों को फायदा होता है। हलासन खाना सही पचाता है। इस आसान को करने से पहले किसी साफ व बराबर जगह पर कपड़ा बिछा कर पीठ के बल लेट जाएं और दोनों पैर एक दूसरे से मिले हुए हों और दोनों हाथों की हथेलियां जमीन पर और कमर के पास लगी हुई हों। मुंह ऊपर आसमान की तरफ और आखें बंद हो। अब धीरे-धीरे दोनों पैरों को ऊपर की ओर उठाएं। ऐसा करते समय पेट को सिकोड़ें और सांस को अंदर लें। दोनों पैरों को सिर के पीछे लगाने कि कोशिश करें। पीठ और कमर को पैरों के साथ पीछे की तरफ मोड़ने के लिए हाथों का सहारा लें। अब धीरे-धीरे अपनी क्षमता के अनुसार ही पैरों को मोंड़ें और थोड़ा रूकने का प्रयास करें। घुटनें मुड़ें नहीं चाहिए इस बात का ध्यान रखें। अब वापस अपनी पहली अवस्था में आ जाएं।

