International Yoga Week 2020: डायबिटीज के मरीजों को अपनी सेहत के प्रति बहुत ज्यादा सचेत रहने की जरूरत है। वर्तमान समय में खराब जीवनशैली की वजह से लोग कई बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं जिनमें से एक डायबिटीज भी है। इसके पीछे स्ट्रेस, जंकफूड, शारीरिक असक्रियता, धूम्रपान जैसी कई वजहें हो सकती हैं। डायबिटिक लोगों का इम्यून सिस्टम दूसरों की तुलना में बेहद कमजोर होता है जिससे वो रह-रहकर बीमार पड़ जाते हैं। ब्लड शुगर को नियंत्रण में रखने के लिए डॉक्टर की दवाइयों के साथ अपनी जीवनशैली में बदलाव लाना भी आवश्यक है। आर्ट ऑफ लिविंग की एक रिपोर्ट के अनुसार ऐसे कई योगासन हैं जो डायबिटीज के मरीजों के लिए लाभकारी साबित हो सकते हैं।

कपालभाति प्राणायाम: कपालभाति प्राणायाम आपके नर्वस सिस्टम (तंत्र-तंत्रिकाओं) और मस्तिष्क की नसों को ऊर्जा देने का काम करता है। इस योगासन को करने से पूरे शरीर में एनर्जी का संचार होता है। यह प्राणायाम डायबिटीज के मरीजों के लिए भी बहुत फायदेमंद माना जाता है क्योंकि इसे करने से पेट की मांसपेशियां (मसल्स) एक्टिव हो जाती हैं। कपालभाति प्राणायाम करने से शरीर में ब्लड बेहतर तरीके से सर्कुलेट होता है। इसके अलावा, मन और मस्तिष्क को शांति प्रदान करने में भी ये कारगर है।

धनुरासन: धनुरासन पैन्क्रियाज को एक्टिव करता है और डायबिटिक लोगों के लिए अत्यंत लाभकारी है। यह योगासन पेट के अंगों को मजबूत बनाता है, साथ ही तनाव को भी कम करता है। ये योगासन पेट के बल लेट कर किया जाता है और इसमें अग्न्याशय (pancreas) पर जोर पड़ता है। धनुरासन में हाथों को पीछे कर पैरों की एड़ी को पकड़ने की कोशिश की जाती है।

पश्चिमोत्तानासन: यह योगासन पेट और पेल्विक ऑर्गंस को सक्रिय करती है जो कि शुगर से पीड़ित रोगियों के लिए बहुत फायदेमंद हो सकता है। इसके अलावा, ये आसन करने से शरीर में प्राण ऊर्जा की वृद्धि होती है। साथ ही साथ, पश्चिमोत्तानासन से मन को शांति भी महसूस होती है।

सुप्त मत्स्येन्द्रासन: सुप्त मत्स्येन्द्रासन शरीर के अंदरूनी हिस्सों की मालिश करता है। इसके अलावा, इस आसन को करने से लोगों का डाइजेस्टिव सिस्टम भी बेहतर रहता है। वहीं, ये योगासन पेट के अंगों को एक्टिव करने में भी मददगार है। साथ ही साथ, डायबिटीज से पीड़ित लोगों के लिए भी सुप्त मत्स्येन्द्रासन बहुत अच्छा साबित हो सकता है।