Stress and Weight Gain: मोटापा इंसान को केवल असहज महसूस नहीं कराता बल्कि अपने साथ यह कई बीमारियों को लेकर आता है। इसके कारण अस्थमा, डायबिटीज़, हाइपरटेंशन, अर्थराइटिस आदि कई बीमारियां हो सकती हैं। अगर आप अपने बढ़ते मोटापे को रोकना चाहते हैं तो सही खान पान और व्यायाम के साथ एक और जरूरी बात ध्यान रखें – स्ट्रेस यानि तनाव से दूरी बना लें।
तनाव हमारे वजन कम करने के रास्ते में बहुत बड़ी बाधा उत्पन्न करता है। स्ट्रेस से शरीर में कोलेस्ट्रॉल लेवल बढ़ता है और ब्लड शुगर लेवल भी तेज़ी से उपर नीचे होता है। शरीर में फैट बढ़ने लगता है जिससे हम मोटापे का शिकार हो जाते हैं।
तनाव अत्यधिक चीनी और वसा युक्त भोजन के खाने की इच्छा को बढ़ाता है – हार्वर्ड मेडिकल स्कूल के मुताबिक, कई अध्ययनों में यह बात सामने आई है कि शारीरिक अथवा मानसिक तनाव अधिक वसा और शर्करा युक्त भोजन लेने की प्रवृति को बढ़ा देता है। इन दोनों के सेवन से हमारे शरीर में इंसुलिन की मात्रा ज्यादा हो जाती है। स्ट्रेस से परेशान इंसान के शरीर में स्ट्रेस हार्मोन कॉर्टिसोल अधिक मात्रा में निकलता है।
जब उच्च कॉर्टिसोल और उच्च इंसुलिन की मात्रा शरीर में होती है तब वजन बहुत तेज़ी से बढ़ता है। ओहियो स्टेट यूनिवर्सिटी में हुए एक शोध के मुताबिक, अधिक तनाव के कारण हमारा मेटाबॉलिज्म धीमा हो जाता है और कम कैलरी बर्न होती है।
तनाव में अधिक खाने की प्रवृति – फिनलैंड में हुए एक अध्ययन में यह पाया गया है कि स्ट्रेस में अधिक खाने की प्रवृति पुरुषों की अपेक्षा महिलाओं में अधिक होती है। पुरुष हालांकि स्ट्रेस होने पर धूम्रपान और शराब की तरफ़ मुड़ जाते हैं जो कि उनमें मोटापे को बढ़ाता है। महिलाएं स्ट्रेस के कारण ओवर ईटिंग करने लगती हैं, जिस कारण उनमें मोटापा बढ़ता है। एक थ्योरी यह भी है कि स्ट्रेस के कारण इंसुलिन ज्यादा हो जाता है जिससे वजन बढ़ता है।
स्ट्रेस के कारण मोटापा न हो, और वजन कम रहे उसके लिए आप हर रोज़ करीब आधे घंटे तक व्यायाम करें और योग को अपने जीवन में शामिल करें। खान – पान का भी विशेष ध्यान रखें, अधिक वसायुक्त और तला – भुना न खाएं।

