Happy Swami Vivekananda Jayanti 2020 Images, Quotes, Status, Messages: स्वामी विवेकानंद का पूर्व-मठवासी नाम नरेंद्र नाथ दत्त था। वह योगियों के स्वभाव के साथ पैदा हुए थे और बहुत कम उम्र में ध्यान करते थे। उनका जन्म एक आर्थिक रूप से संपन्न परिवार में हुआ था। उनके पिता, विश्वनाथ दत्त एक वकील थे जिन्होंने अपने करियर में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया। उनकी माता का नाम भुवनेश्वरी देवी था। स्वामी विवेकानंद का जन्म स्थान कोलकाता (पहले कलकत्ता के नाम से जाना जाता था) और उनका जन्म 12 जनवरी, 1863 को हुआ था। उनका निधन 4 जुलाई, 1902 को कोलकाता में हुआ था।
स्वामी विवेकानंद के पिता की मृत्यु युवा होने पर अचानक हुई। इससे उनके परिवार की आर्थिक रीढ़ टूट गई और पूरे परिवार को गरीबी में धकेल दिया गया। स्वामी विवेकानंद घर-घर जाकर नौकरी मांगते थे। जब वह नौकरी पाने में असफल रहा, तो वह धीरे-धीरे नास्तिक में बदल गया और खुले तौर पर कहेगा कि भगवान जैसी कोई चीज नहीं थी। स्वामी विवेकानंद ने अपने जीवनकाल में बहुत से बेहतरीन कोट्स बोले जो लोगों के लिए बेहद प्रेरणादायी है। इन कोट्स को जरूर शेयर करें।
1. “हम जो बोते हैं वो काटते हैं। हम स्वयं अपने भाग्य के निर्माता हैं।”
स्वामी विवेकानंद जयंती
2. “उठो, जागो और तब तक मत रुको जब तक लक्ष्य की प्राप्ति ना हो जाये।”
स्वामी विवेकानंद जयंती
3. “भय ही पतन और पाप का मुख्य कारण है।”
स्वामी विवेकानंद जयंती
4. “खुद को कमजोर समझना ही सबसे बड़ा पाप है।”
स्वामी विवेकानंद जयंती
5. ” बाहरी स्वभाव केवल अंदरूनी स्वभाव का बड़ा रूप हैं।”
स्वामी विवेकानंद जयंती
6. “विश्व एक विशाल व्यायामशाला है जहाँ हम खुद को मजबूत बनाने के लिए आते हैं।”
स्वामी विवेकानंद जयंती

Highlights
क्या तुम नहीं अनुभव करते कि दूसरों के ऊपर निर्भर रहना बुद्धिमानी नहीं हैं। बुद्धिमान् व्यक्ति को अपने ही पैरों पर दृढता पूर्वक खड़ा होकर कार्य करना चहिए। धीरे धीरे सब कुछ ठीक हो जाएगा।
सच्ची सफलता और आनंद का सबसे बड़ा रहस्य यह है- वह पुरुष या स्त्री जो बदले में कुछ नहीं मांगता। पूर्ण रूप से निःस्वार्थ व्यक्ति, सबसे सफल हैं।
एक समय में एक काम करो, और ऐसा करते समय अपनी पूरी आत्मा उसमे डाल दो और बाकी सब कुछ भूल जाओ।
जैसा तुम सोचते हो, वैसे ही बन जाओगे। खुद को निर्बल मानोगे तो निर्बल और सबल मानोगे तो सबल ही बन जाओगे।
हम जितना ज्यादा बाहर जायें और दूसरों का भला करें, हमारा ह्रदय उतना ही शुद्ध होगा, और परमात्मा उसमे बसेंगे.
हम वो हैं जो हमें हमारी सोच ने बनाया है, इसलिए इस बात का ध्यान रखिये कि आप क्या सोचते हैं. शब्द गौण हैं. विचार रहते हैं, वे दूर तक यात्रा करते हैं.
अगर धन दूसरों की भलाई करने में मदद करे, तो इसका कुछ मूल्य है, अन्यथा, ये सिर्फ बुराई का एक ढेर है, और इससे जितना जल्दी छुटकारा मिल जाये उतना बेहतर है.
उठो मेरे शेरो, इस भ्रम को मिटा दो कि तुम निर्बल हो, तुम एक अमर आत्मा हो, स्वच्छंद जीव हो, धन्य हो, सनातन हो, तुम तत्व नहीं हो, ना ही शरीर हो, तत्व तुम्हारा सेवक है तुम तत्व के सेवक नहीं हो.
कुछ मत पूछो, बदले में कुछ मत मांगो। जो देना है वो दो, वो तुम तक वापस आएगा, पर उसके बारे में अभी मत सोचो।
जैसा तुम सोचते हो, वैसे ही बन जाओगे। खुद को निर्बल मानोगे तो निर्बल और सबल मानोगे तो सबल ही बन जाओगे।
हम वो हैं जो हमें हमारी सोच ने बनाया है, इसलिए इस बात का धयान रखिये कि आप क्या सोचते हैं। शब्द गौण हैं। विचार रहते हैं, वे दूर तक यात्रा करते हैं।
किसी दिन, जब आपके सामने कोई समस्या ना आये – आप सुनिश्चित हो सकते हैं कि आप गलत मार्ग पर चल रहे हैं।
विश्व एक विशाल व्यायामशाला है जहाँ हम खुद को मजबूत बनाने के लिए आते हैं।
ब्रह्माण्ड की सारी शक्तियां पहले से हमारी हैं। वो हमही हैं जो अपनी आँखों पर हाँथ रख लेते हैं और फिर रोते हैं कि कितना अंधकार हैं।
तुम्हें कोई पढ़ा नहीं सकता, कोई आध्यात्मिक नहीं बना सकता। तुमको सब कुछ खुद अंदर से सीखना हैं। आत्मा से अच्छा कोई शिक्षक नही हैं।
स्वामी विवेकानंद जी का ये कोट्स करोड़ों युवाओं को आज भी जोश भर देता है। वह कहते थे— 'एक समय में एक काम करो, और ऐसा करते समय अपनी पूरी आत्मा उसमे डाल दो और बाकी सब कुछ भूल जाओ। जितना बड़ा संघर्ष होगा जीत उतनी ही शानदार होगी।'
"हमारी पवित्र मातृभूमि धर्म और दर्शन की भूमि है-आध्यात्मिक दिग्गजों की जन्मभूमि-त्याग की भूमि, जहां और जहां अकेले, सबसे प्राचीन से लेकर सबसे आधुनिक समय तक, वहां जीवन का सर्वोच्च आदर्श खुला है।"
उठो, जागो और तब तक न रुको जब तक लक्ष्य न मिल जाए
एक समय में एक काम करो, और ऐसा करते समय अपनी पूरी आत्मा उसमें डाल दो और बाकी सब कुछ भूल जाओ।
स्वामी विवेकानंद जी कहते थे कि पढ़ने के लिए एकाग्रता बहुत जरूरी है, एकाग्रता के लिए ध्यान जरूरी है और ध्यान से ही हम इन्द्रियों पर संयम रखकर ही एकाग्रता प्राप्त कर सकते हैं।
" दिल और दिमाग के टकराव में दिल की सुनो।"
स्वामी विवेकानंद जयंती
" In a conflict between the heart and the brain, follow your heart."
Swami Vivekanand Jayanti
" In a conflict between the heart and the brain, follow your heart."
Swami Vivekanand Jayanti
"शक्ति जीवन है, निर्बलता मृत्यु हैं। विस्तार जीवन है, संकुचन मृत्यु हैं। प्रेम जीवन है, द्वेष मृत्यु हैं।"
स्वामी विवेकानंद जयंती
जो लोग आपकी मदद करते हैं उन्हें कभी मत भूलो। जो आपको प्यार करते हैं उनसे कभी घृणा न करो। जो लोग तुम पर भरोसा करते हैं उन्हें कभी भी धोखा न दो।
ब्रह्माण्ड की सारी शक्तियां पहले से हमारी हैं। वो हमीं हैं जो अपनी आंखों पर हांथ रख लेते हैं और फिर रोते हैं कि कितना अन्धकार है।
जब लोग तुम्हे गाली दें तो तुम उन्हें आशीर्वाद दो, सोचो, तुम्हारे झूठे दंभ को बाहर निकालकर वो तुम्हारी कितनी मदद कर रहे हैं।
तुम्हें अंदर से बाहर की तरफ विकसित होना है, कोई तुम्हें पढ़ा नहीं सकता, कोई तुम्हें आध्यात्मिक नहीं बना सकता, तुम्हारी आत्मा के आलावा कोई और गुरू नहीं है।