Swami Vivekananda Death Anniversary: अपने विचारों से लोगों की जिंदगी को रोशन करने वाले स्वामी विवेकानंद की आज पुण्यतिथि है। भारत के महान पुरुषों में से एक और महान विचारक स्‍वामी विवेकानंद का जन्म 12 जनवरी 1863 में हुआ था। उनकी मृत्यु 4 जुलाई 1902 में हुई थी। वेदान्त के विख्यात और प्रभावशाली आध्यात्मिक गुरु स्वामी विवेकानंद बेहद साधारण जीवन जीते थे। उनके महान विचार सभी के लिए प्रेरणास्रोत है।

विवेकानंद ने 25 साल की उम्र में सांसारिक मोह माया छोड़ दिया था और आध्यात्म और हिंदुत्व के प्रचार प्रसार में जुट गए थे। संन्यासी बनकर ईश्वर की खोज में निकले विवेकानंद ने पूरे विश्व को हिंदुत्व और आध्यात्म का ज्ञान दिया। हिंदुत्‍व को लेकर उन्‍होंने जो व्‍याख्‍या दुनिया के सामने रखी, उसकी वजह से हिन्दू धर्म को लेकर लोगों का काफी आकर्षण बढ़ा।

स्वामी विवेकानंद कई बीमारियों जैसे अनिद्रा, मलेरिया, माइग्रेन, लीवर, डायबिटीज, किडनी और दिल समेत 31 बीमारियों से पीड़ित थे। स्वामी विवेकानंद की कम उम्र में मृत्यु का कारण उनकी बीमारियां ही थी। स्वामी विवेकानंद की पुण्यतिथि पर उनसे जुड़ी कुछ जरूरी बातें जाने जिन्हें कभी भुलाया नहीं जा सकता। उनके बताए गए कुछ संदेश आज भी हमारी जिंदगी में मार्गदर्शक साबित होते हैं। आइए स्वामी जी की पुण्यतिथि पर उनके कुछ प्रसिद्ध और प्रेरक क्योटो को जानते हैं जो हमारी जिंदगी को सही मार्ग दिखाती है।

  • ब्रह्माण्ड की सारी शक्तियां पहले से हमारी हैं, वो हम ही हैं।
  • जब तक आप खुद पर विश्वास नहीं करते तब तक आप भगवान पर विश्वास नहीं कर सकते।
  • हम वो हैं जो हमें हमारी सोच ने बनाया है, इसलिए इस बात का ध्यान रखें कि आप क्या सोचते हैं।
  • उठो और जागो और तब तक रुको नहीं जब तक कि तुम अपना लक्ष्य प्राप्त नहीं कर लेते।
  • एक समय में एक काम करो और ऐसा करते समय अपनी पूरी आत्मा उसमे डाल दो और बाकी सब कुछ भूल जाओ।
  • अगर परिस्थितियों पर आपकी पकड़ मजबूत है, तो जहर उगलने वाला भी आपका कुछ नहीं बिगाड़ सकता।
  • जितना बड़ा संघर्ष होगा जीत उतनी ही शानदार होगी।
  • जैसा तुम सोचते हो, वैसे ही बन जाओगे। खुद को निर्बल और सबल मानोगे तो सबल ही बन जाओगे।
  • खुद को कमज़ोर समझना सबसे बड़ा पाप है।
  • सत्य को हजार तरीकों से बताया जा सकता है, फिर भी हर एक सत्य ही होगा।
  • जब तक आप अपने काम में व्यस्त हैं, तब तक काम आसान होता है, लेकिन आलसी होने पर कोई भी काम आसान नहीं लगता।
  • सबसे बड़ा धर्म है अपने स्वभाव के प्रति सच्चा होना। स्वयं पर विश्वास करो।
  • एक समय में एक काम करो और ऐसा करते समय अपनी पूरी आत्मा उसमें डाल दो और बाकी सब कुछ भूल जाओ।
  • आप जोखिम लेने से भयभीत न हो, अगर आप जीतते हैं, तो आप नेतृत्व करते हैं और अगर हारते हैं, तो आप दूसरों का मार्गदर्शन कर सकते हैं।
  • तुम्हें अंदर से सीखना है सब कुछ। तुम्हें कोई नहीं पढ़ा सकता, कोई आध्यात्मिक नहीं बना सकता, अगर यह सब कोई सिखा सकता है तो यह केवल आपकी आत्मा है।