सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज मार्कंडेय काटजू सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहते हैं। वह अक्सर समसामयिक मुद्दों पर बेबाकी से अपनी राय रखते नजर आ जाते हैं, जिसको लेकर अक्सर वह सुर्खियों में भी आ जाते हैं। हाल ही में मार्कंडेय काटजू ने बढ़ती महंगाई को लेकर सरकार पर जमकर निशाना साधा है। उन्होंने एक ट्वीट के जरिए कहा, “डीजल/पेट्रोल की कीमतें 100 रुपये के पार, सरसो का तेल 200 रुपये के पार, रसोई गैस 1000 रुपये को छू रही है, रिकॉर्ड बेरोजगारी और भयानक बाल कुपोषण, किसान संकट, डूबती अर्थव्यवस्था, उचित स्वास्थ्य देखभाल नहीं, अमेरिकी मीडिया द्वारा रिपोर्ट की गई 40 लाख कोविड की मौत आदि।”

मार्कंडेय काटजू ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए आगे लिखा, “अच्छे दिन आ गए!” सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज के इस ट्वीट पर लोग मिली-जुली प्रतिक्रिया दे रहे हैं। कुछ लोग पूर्व जज के इस ट्वीट का समर्थन कर रहे हैं तो कुछ लोग उनके ट्वीट का प्रतिकूल जवाब दे रहे हैं। अंतरिक्ष गौतम नाम के एक यूजर ने लिखा, “पेट्रोल उत्पाद की कीमतें बढ़ रही हैं क्योंकि सरकार को विकास करने और सभी को कोविड वैक्सीन प्रदान करने की आवश्यकता है। खाद्य तेल की कीमत बढ़ रही है क्योंकि सरकार ने उसमें मिलावट बंद कर दी है। मंत्रियों की ओर से यह सब बेतुके तर्क दिए जा रहे हैं।”

डॉक्टर मुकेश द्विवेदी नाम के एक यूजर ने लिखा, “इन मुद्दों पर न्यायपालिका का कोई अधिकार क्षेत्र नहीं है। यह एक अभूतपूर्व कोविड समय में आपूर्ति और मांग का मुद्दा है। काटजू जी कोरोना ने पूरी दुनिया को हिला दिया है और आपको पेट्रोल की पड़ी है।” देश पर भारी पड़ रही नेताओं की अवैज्ञानिक सोच

 

एक और यूजर ने लिखा, “और अगर सरसो के तेल के दाम घटने लगे तो आप इसे मास्टरस्ट्रोक नहीं मानेंगे?” बता दें, इसके अलावा मार्कंडेय काटजू ने एक और ट्वीट किया था। जिसमें उन्होंने एक अखबार की कटिंग शेयर की थी। जिसमें लिखा था, “20% वकीलों ने आर्थिक मजबूरी में छोड़ा पेशा।”

बता दें, मार्कंडेय काटजू ने साल 1970 से 1991 के बीच इलाहाबाद हाई कोर्ट में लॉ की प्रैक्टिस की। साल 2004 में काटजू मद्रास हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस के तौर पर नियुक्त किए गए। 2005 में काटजू दिल्ली हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस बनें। इसके बाद 2006 में वह सुप्रीम कोर्ट में पहुंचे। साल 2011 में जस्टिस काटजू रिटायर हो गए।