Mahatma Gandhi Death Anniversary, Shaheed Diwas 2024, Martyrs Day:हर साल 30 जनवरी का दिन भारत को अंग्रोजों की गुलामी से निजात दिलाने वाले महापुरुष महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि देने के लिए मनाया जाता है। महात्मा गांधी वो महापुरुष थे जिन्हें अंग्रेजों से लम्बी लड़ाई लड़ी और देश को गुलामी की ज़ंजीरों से निजात दिलाई। महात्मा गांधी को राष्ट्रपिता के रूप में जाना जाता है जिन्हों दो शताब्दियों से अधिक समय तक चले ब्रिटीश शासन के खिलाफ आवाज़ उठाई और उनकी भारत से वापसी कराई।

महात्मा गांधी ने विरोध और विपरीत परिस्थितियों का सामना करते हुए देश को आजाद कराने के लिए दृढ़ संकल्प लिया। महात्मा गांधी के विचार और उनके सिद्धांतों ने देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी लोगों को अहिंसा और सद्भावना का पाठ पढ़ाया। महात्मा गांधी ने देश को आजाद तो करा दिया लेकिन दुख की बात यह है कि जब भारत को आजादी मिली उसके तुरंत बाद गांधी जी की हत्या कर दी गई, जो देश के लिए सबसे बड़ी हानि थी।

गांधी जी के बलिदान को याद करते हुए हर साल 30 जनवरी का दिन शहीद दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिन महात्मा गांधी के साथ ही उन शहीदों को भी याद किया जाता है जिन्होंने देश को आज़ादी दिलाने के लिए हंसते-हंसते अपनी जान गवां दी थी। इन शहीदों की बदौलत ही आज हम आजाद हिन्दुस्तान में आज़ादी के साथ ज़िंदगी गुजार रहे हैं। आइए जानते हैं कि देश में दो बार शहीद दिवस क्यों मनाया जाता है और इस दिन का इतिहास और महत्व क्या है?

देश में दो बार क्यों मनाया जाता है शहीद दिवस?

देश में शहीद दिवस 30 जनवरी और 23 मार्च को मनाया जाता है। 30 जनवरी को दिल्ली के बिड़ला भवन में शाम में महात्मा गांधी प्रार्थना कर रहे थे उसी दौरान नाथूराम विनायक गोडसे ने उन्हें तीन गोलियां मारी थीं। नवंबर 1949 में गोडसे को मौत की सज़ा सुनाई गई। 30 जनवरी के दिन महात्मा गांधी को श्रृद्धांजली देने के लिए उनके विचारों को अपनाने के लिए इस दिन को मनाया जाता है।

23 मार्च को शहीद दिवस मनाने का मकसद उन शहीदों को श्रृद्धांजली देना है जिन्होंने देश के खातिर हंसते हंसते मौत को स्वीकार कर लिया था। जी हां 23 मार्च को भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को फांसी पर लटकाया गया था। इन महापुरुषों ने देश के खातिर अपनी जान गवां दी थी। इन महापुरुषों को श्रृद्धांजली देने के लिए 23 मार्च का दिन भी शहीद दिवस के रूप में मनाया जाता है। देश के लिए कुरबान होने वाले इन वीरों के बलिदान और समर्पण को याद करते हुए हर साल विभिन्न शिक्षण संस्थाओं, सरकारी और गैर सरकारी संगठनों में मौन सभा का आयोजन किया जाता है और वीरों की आत्मा की शांति के लिए दुआएं की जाती हैं।

30 जनवरी शहीद दिवस का महत्व

महात्मा गांधी एक विश्व-प्रसिद्ध व्यक्ति हैं जो शांति और अहिंसा की वकालत के लिए पहचाने जाते हैं। उनके सिद्धांतों को श्रद्धांजलि देने के लिए हर साल 2अक्टूबर को अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस मनाया जाता है। 2007 में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने वैश्विक स्तर पर शांति, सद्भाव और एकता को बढ़ावा देने में अहिंसा के महत्व के बारे में जागरूकता को बढ़ावा देने के लिए आधिकारिक तौर पर इस दिन को नामित किया था। यह दिन उन मूल्यों की याद दिलाता है जिनके लिए गांधी खड़े। उनके बलिदान और समर्पन की वजह से ही हम आज सुकून की सांस ले रहे हैं। हर साल 30 जनवरी को

हर साल 30 जनवरी को शहीद दिवस के मौके पर बापू को याद किया जाता है। इस दुखद मौके पर हर साल बापू की समाधि पर देश के राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री जाते हैं और उन्हें श्रद्धांजलि देते हैं। राष्ट्रपिता को श्रद्धांजलि देने के लिए सेना के जवान भी हथियार नीचे झुकाते हैं और बापू की याद में दो मिनट का मौन रखते हैं।