वरिष्ठ पत्रकार कमाल खान का दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। एनडीटीवी से जुड़े कमाल खान 61 साल के थे और उन्होंने लखनऊ स्थित बटलर कॉलोनी के अपने आवास पर आखिरी सांस ली। टेलीविजन रिपोर्टिंग में अपने जुदा अंदाज से खास पहचान बनाने वाले कमाल खान के निधन पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत तमाम लोग शोक व्यक्त कर रहे हैं और उन्हें अपने अपने तरीके से याद कर रहे हैं।
एनडीटीवी के सीनियर एडिटर उमाशंकर सिंह ने अपनी यादों को साझा करते हुए लिखते हैं कि कमाल को लेकर दीवानगी ऐसी कि कल रात 9 बजे जब वे TV पर थे, उनकी बातों को एक मित्र मोबाइल पर रिकार्ड कर तभी के तभी भेज रहे थे। तनिक भी अंदेशा नहीं था कि सुबह कमाल हमें हमेशा के लिए छोड़ जायेंगे।
खान को एक महान सहयोगी बताते हुए, वरिष्ठ पत्रकार मेहराज दुबे ने कहा, “एक शो में उनकी उपस्थिति मात्र दर्शकों को आकर्षित करती थी। उन्होंने जो कुछ भी किया उसमें सर्वश्रेष्ठ करने के सिद्धांत को अपनाया। अपने जीवन के अंतिम दिन तक काम करने वाला एक दिलदार पत्रकार। ”
इंडिया टुडे टीवी कंसल्टिंग एडिटर राजदीप सरदेसाई ने कहा, “लखनऊ से एनडीटीवी के बेहतरीन रिपोर्टर और प्रिय मित्र कमाल खान का आज सुबह निधन हो गया। मैं आपको बहुत याद करूंगा मेरे दोस्त और हमारी लंबी चैट। ढेर सारी यादें! सब कुछ खत्म हो गया।”
भारत समाचार के एडिटर इन चीफ ब्रजेश मिश्रा लिखते हैं, “मशहूर पत्रकार कमाल खान जी का निधन बेहद कष्टप्रद है। पत्रकारिता जगत के लिए बहुत क्षति है उनका ना रहना। देर रात तक वो दायित्वों का निर्वहन करते रहे। सबसे वरिष्ठ होने के बाद भी फील्ड रिपोर्टिंग कभी नही छोड़ी। खबर पेश करने का उनका अंदाज देशभर में पत्रकारों को प्रेरित करता था। अलविदा।”
ऑनिंद्यो चक्रवर्ती ने लिखा कि कल ही की बात है कि मैं एक दोस्त को बता रहा था कि सिर्फ कमाल खान ने 2017 के यूपी चुनाव को लेकर सबकुछ सही कहा था। उन्होंने यह भी भविष्यवाणी की थी कि भाजपा 2019 में यूपी में बहुत अच्छा प्रदर्शन करेगी। मैंने इस सप्ताह उन्हें फोन करके आने वाले चुनावों के बारे में उनके आकलन के बारे में पूछने की योजना बनाई थी। रूह कंपकंपा देने वाली खबर।
हिंदुस्तान टाइम्स की सुनेत्रा चौधरी लिखती है, “जब हम एनडीटीवी से काम करके जाते थे तो लोग हमें बताते थे कि वे कमाल खान से कितना प्यार करते हैं। वह एक ऑन ग्राउंड रिपोर्टर थे, जिनके क्लिप कैमरे पर कविता का काम करते थे, जहां दोहे एक तरफ और शब्दों के जाल एक तरफ होते थे। इनकी जगह को भरा नहीं जा सकता। उनकी पत्रकार पत्नी और पूरे परिवार के प्रति संवेदना।”
मखुदम रज़ा लिखते हैं, “हुए नामवर बे-निशां कैसे कैसे, ज़मीं खा गयी आसमां कैसे कैसे! यह बहुत ही शॉकिंग खबर है, उत्तर प्रदेश NDTV के हेड और एक शानदार व्यक्ति हमारे बीच नहीं रहे।
दैनिक जागरण के वरिष्ठ पत्रकार विनीत त्रिपाठी ने ट्वीट करते हुए लिखा कि कमाल के थे कमाल खान जी। पत्रकारिता को सहज, सरल और शानदार तरीके से करना कमाल जी से सिखाया। #विनम्रश्रद्धांजलि
NDTV ने ट्वीट करते हुए लिखा कि तीन दशक से दिल छू लेने वाली ख़बरें करने वाले, हमारे चहेते कमाल खान, आज हम सबको अनंत शोक में छोड़ कर चले गए। यह हम सबके लिए गहरे शोक की घड़ी है।
पुण्य प्रसून बाजपेयी ने लिखा, “दुखद…बेहद दुखद।।स्तब्ध करने वाली सुबह। मित्र…बंधु…कमाल खान की मौत ।
NDTV की नीता शर्मा लिखती है, ““लखनऊ से कमाल खान – एनडीटीवी इंडिया के लिए” हमेशा याद रहेंगे !! RIP”
आपको बता दें कि पत्रकारिता में शानदार योगदान के लिए उन्हें रामनाथ गोयनका और राष्ट्रपति के हाथों गणेश शंकर विद्यार्थी पुरस्कार मिला था। कमाल खान एनडीटीवी के एग्जीक्युटिव एडिटर थे।