मानस मनोहर
बरसात के मौसम में कुछ सब्जियां बहुतायत में मिलती हैं, उन्हें खाने का आनंद भी इसी मौसम में आता है। मगर शहरी खानपान का स्वाद कुछ इस कदर लोगों की जुबान पर चढ़ चुका है कि देसी व्यंजनों को लगभग भुला ही दिया है। मगर किसी भी मौसम का पूरा लुत्फ उठाना है, तो उस वक्त मिलने वाली सब्जियों को भोजन में जरूर शामिल करना चाहिए। इस बार कुछ ऐसे ही व्यंजन।
अरबी के पतोड़े
बरसात के मौसम में अरबी के पत्ते खूब मिलते हैं। इन्हें खाने का आनंद भी इसी मौसम में आता है। आमतौर पर लोग अरबी की गांठ की सब्जी बनाते हैं। मगर इसके पत्तों की भी बहुत स्वादिष्ट सब्जी बनती है। कई लोग बेसन के साथ इसकी भुजिया भी बनाते हैं। मगर इसके पतोड़े लाजवाब होते हैं। इसके पतोड़े बनाने के लिए थोड़ी मशक्कत जरूर करनी पड़ती है, मगर इनका दूसरी सब्जियों से कोई जोड़ नहीं होता।
पतोड़े बनाने के लिए अरबी के नरम और मुलायम पत्ते लें। कड़े पत्ते न लें। इन्हें अच्छी तरह धोकर कर कपड़े से पोंछें और अलग रख दें। अब इस पर लगाने के लिए बेसन का घोल तैयार करें। इसका घोल थोड़ा गाढ़ा बनाना पड़ता है, ताकि बहने न पाए। जरूरत के मुताबिक बेसन लें और उसे छान लें। अगर दस-बारह पत्ते लिए हैं तो एक सामान्य कप या कटोरी बराबर बेसन पर्याप्त रहता है।
अब बेसन में जरूरत भर का नमक, दो चुटकी हल्दी पाउडर, आधा छोटा चम्मच कुटी लाल मिर्च, चौथाई चम्मच गरम मसाला, एक बड़ा चम्मच अमचूर पाउडर डालें और थोड़ा-थोड़ा पानी डालते हुए चलाते हुए गाढ़ा घोल तैयार करें। अमचूर अवश्य डालें, नहीं तो अरबी के पत्ते गले में खुजली पैदा करेंगे। बेसन को जितना फेटेंगे, उतनी ही उसमें नरमी आएगी और पत्ते पर उसके चिपकने में मदद मिलेगी।
अब अरबी के पत्तों का डंठल काट कर अलग कर दें और अगर डंठल के साथ मोटा रेशा उभरा हो तो उसे भी चाकू से छील कर उतार दें। पत्ते को उलटा रखें और उस पर बेसन डाल कर फैलाएं। फिर दूसरा पत्ता उल्टा करके रखें और उस पर भी बेसन फैलाएं। इसी तरह चार परत में पत्तों पर बेसन लगाएं और फिर एक तरफ से पकड़ कर गोल-गोल लपेटते हुए रोल बना लें। ध्यान रखें कि बेसन बाहर नहीं निकलना चाहिए। इसलिए पहले ही बेसन लगाते समय सावधानी रखें। इसी तरह सारे पत्तों का रोल बना लें।
स्टीमर या इडली के कुकर में पानी गरम करें और उनकी ट्रे में इन रोल को रख कर मध्यम आंच पर पंद्रह से सत्रह मिनट तक पकने दें। फिर कुकर का ढक्कन खोलें और देखें कि बेसन की परत पक कर सख्त हो गई है या नहीं। बेसन की परत सख्त हो गई है, तो रोल को बाहर निकालें और ठंडा होने दें। जब पूरी तरह ठंडे हो जाएं तो इन्हें तीन से चार इंच की मोटाई में टुकड़ों में काट लें। बेहतर हो कि ठंडा होने के बाद रोल को कुछ देर फ्रिज में रख दें। इस तरह वे और सख्त हो जाएंगे। फिर काटें। अब इन टुकड़ों को दो तरह से पकाया जा सकता है। या तो गरम तेल में पकौड़े की तरह तल सकते हैं या फिर नान स्टिक पैन में सेंक सकते हैं।
इन्हें चाहें तो पकौड़े की तरह भी खा सकते हैं। पकौड़े की तरह परोसते वक्त इन पर चाट मसाला और नीबू का रस अवश्य निचोड़ें। अगर इन्हें सूखी सब्जी की तरह परोसना चाहें तो चावल-दाल के साथ परोस सकते हैं। इसके अलावा इनकी तरी वाली सब्जी भी बना सकते हैं। अपनी मर्जी से दही या फिर टमाटर-प्याज वाली तरी बना लें और फिर जिस तरह कोफ्ते पर तरी डालते हैं, उसी तरह तरी डालें और सब्जी के रूप में परोसें।
कमल ककड़ी के कोफ्ते
कमल ककड़ी स्वास्थ्य की दृष्टि से बहुत उत्तम सब्जी है। आमतौर पर लोग इसे सीधे काट कर सब्जी बना लेते हैं। बहुत सारे लोग इसके पकौड़े भी बनाते हैं। मगर इसके कोफ्ते लाजवाब होते हैं। इन्हें बनाना भी कोई झंझट का काम नहीं। इस बरसात में कमल ककड़ी के कोफ्ते बनाएं और देसी सब्जी का विदेशी अंदाज में लुत्फ उठाएं।
कमल ककड़ी आमतौर पर गंदे पानी में पैदा होती है, इसलिए इसकी सफाई पर विशेष ध्यान देना चाहिए। थोड़ी देर नमक वाले पानी में रखें और फिर खूब रगड़ कर साफ कर लें। उसके बाद हल्के हाथों से इसकी ऊपरी परत को पीलर से छील लें। इसे छोटे-छोटे टुकड़ों में काटें और थोड़े से पानी के साथ कुकर में डाल कर एक सीटी आने तक उबाल लें। इस तरह कमल ककड़ी नरम हो जाएगी। इसे छान कर पूरा पानी निथार लें। एक अलग कटोरे में रखें और ठंडा होने दें।
जब कमल ककड़ी हल्की गरम रह जाए तो उसे हाथों से मसल लें। फिर उसमें दो से तीन चम्मच बेसन, आधा छोटा चम्मच कुटी लाल मिर्च, चुटकी भर हल्दी पाउडर और आधा छोटा चम्मच गरम मसाला डालें और सारी चीजों को अच्छी तरह मिलाएं। अब इसमें से थोड़ी-थोड़ी सामग्री लेकर नीबू के आकार जैसे कोफ्ते बना लें।
चाहें तो कोफ्तों के बीच में एक किशमिश या काजू भी दबा सकते हैं। कड़ाही में तेल गरम करें और मध्यम आंच पर सुनहरा रंग आने तक तल कर कोफ्ते तैयार कर लें। अब प्याज टमाटर की तरी तैयार करें और कोफ्तों के ऊपर डाल कर थोड़ी देर ढंक कर छोड़ दें, ताकि कोफ्ते तरी का रस सोख लें। परोसने से पहले हरा धनिया, अदरक और हरी मिर्च डाल कर सजाएं। रोटी या चावल किसी के भी साथ परोस सकते हैं।