योग गुरु रामदेव और इंडियन मेडिकल एसोसिएसन (IMA) के बीच विवाद थमता नजर नहीं आ रहा है। रामदेव के खिलाफ IMA ने दिल्ली के आईपी एस्टेट थाने में शिकायत की थी। हालांकि रामदेव अपनी बात पर अड़े हुए हैं और लगातार एलोपैथी से इलाज पर सवालिया निशान खड़े कर रहे हैं। रामदेव ने ट्विटर पर अब एक नया वीडियो शेयर किया है। ये वीडियो क्लिप आमिर खान के टीवी शो ‘सत्यमेव जयते’ का है।

‘सत्यमेव जयते’ के इस एपिसोड में चित्तौड़ के पूर्व कलेक्टर समित शर्मा शामिल हुए थे। उन्होंने दवाईयों के अलग-अलग दामों के बारे में बताया था कि आखिर कैसे एक ही तरीके से बनने वाली दवाइयों के दाम अलग-अलग होते हैं?

बता दें कि समित शर्मा एमबीबीएस हैं और उन्होंने IAS बनने से पहले कई अस्पतालों में बतौर डॉक्टर प्रैक्टिस भी की थी। ऐसे में रामदेव ने इस वीडियो क्लिप को शेयर करते हुए लिखा, ‘इन मेडिकल माफियाओं में हिम्म्त है तो आमिर खान के खिलाफ मोर्चा खोलें।’

 

समित अपने इस इंटरव्यू में बताते हैं, ‘दवाईयों की वास्तविक कीमत बहुत कम है। लेकिन वही दवाइयां हम पांच गुना या दस गुना और कई बार तो पचास गुना से भी ज्यादा दामों पर खरीदते हैं। भारत में 40 करोड़ से ज्यादा लोग ऐसे हैं जो अपने लिए दो वक्त की रोटी नहीं जुटा पाते। क्या वो उस दवा को खरीद सकते हैं?’

समित शर्मा अपने इंटरव्यू में WHO के बयान की भी चर्चा करते हैं। वह कहते हैं, ‘विश्व स्वास्थ्य संगठन ने बताया कि आजादी के 65 साल बाद भी 65 प्रतिशत भारतीयों को जरूरी दवाईयां नहीं मिल पाती हैं और वो भी सिर्फ पैसों की वजह से। हमारे देश में दवाईयों की ब्रांडिंग की जाती है। भारत में डायबिटीज की दवाई औसतन 117 रुपए की मिलती है। जेनरिक दवाई जब हम लेते हैं तो वह मात्र 1 रुपए 95 पैसे में 10 गोलियां मिलती हैं।’

समित शर्मा से जब आमिर खान पूछते हैं कि क्या दोनों गोलियों में कोई फर्क नहीं है? तो समित कहते हैं, ‘दोनों गोलियां बिल्कुल समान हैं क्योंकि इसकी उत्पादन लागत ही सिर्फ इतनी है। सारा खर्चा मिलाने के बाद ये दवाई उतने की ही पड़ती है। कैंसर के उदाहरण देता हूं। कैंसर के इलाज में काम आने वाली दवाई का सवा लाख रुपए का एक पैकेट मिलता है। सिर्फ एक महीना चलता है। जेनरिक में वही दवा एक कंपनी 10 हजार 200 की बेचती है, 8,800 में बेचती है और 6,500 में बेचती है।’