गर्भावस्था के दौरन महिलाओं में बवासीर की समस्याएं देखी जाती हैं। अगर आपको लगता है कि डिलीवरी के बाद सब कुछ सामान्य हो जाएगा, तो आपकी गलतफहमी भी हो सकती है। दरअसल नॉर्मल डिलीवरी होने के कारण महिलाओं को बवासीर जैसी बीमारी हो सकती है। इसलिए गर्भावस्था के दौरान इस बीमारी के बारे में जरूरी बातें आपको जरूर जानना चाहिए। इस संबंध में हमने स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉक्टर प्रणाली अहाले से कुछ सवाल किये हैं, आइये उन सवालों के उत्तर जानते हैं-

गर्भावस्था के दौरान पाइल्स होना इतना आम क्यों है?
स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉक्टर प्रणाली अहाले ने जनसत्ता डॉट कॉम से बात करते हुए बताया कि गर्भावस्था के दौरान बवासीर को अंग्रेजी में पाइल्स या हैमरॉइड्स कहा जाता है। ये गुदा क्षेत्र में सूजी हुई रक्त वाहिकाएं होती हैं। गर्भावस्था के दौरान बवासीर की घटना लगभग 40-50% अधिक होती है।

गर्भावस्था में, गर्भाशय के बढ़े हुए आकार और रक्त के प्रवाह में वृद्धि के कारण मलाशय की नसों पर दबाव बढ़ जाता है जो गर्भावस्था के दौरान पेट में बड़ी रक्त वाहिकाओं को संकुचित कर देता है। कब्ज के कारण मल पर दबाव पड़ने से यह स्थिति बढ़ सकती है या बिगड़ सकती है। इनका माप मटर के जितना छोटा और अंगूर के जितना बड़ा हो सकता है। ये गुदा के भीतर की तरफ विकसित हो सकती हैं या फिर गुदा से बाहर भी निकल सकती हैं।

प्रेग्नेंसी के दौरान बवासीर से किस तरह बचा जा सकता है?
डॉक्टर प्रणाली अहाले के मुताबिक कब्ज से बचें, उच्च फाइबर आहार जैसे ताजे फल और सब्जियां खाएं। इसके साथ ही मल त्याग को नियमित रखने की कोशिश करें। सुनिश्चित करें कि आप शौचालय पर आवश्यकता से अधिक देर तक न बैठें क्योंकि इससे आपके मलाशय क्षेत्र पर दबाव पड़ता है। रोजाना करीब आठ से 12 गिलास पानी पीएं और नियमित कीगल व्यायाम (यदि डॉक्टर अनुमति दे तो) करें, कीगल्स से गुदा क्षेत्र में रक्त संचरण बढ़ता है और ये गुदा के आसपास की मांसपेशियों को मजबूती देता है, जिससे पाइल्स होने की संभावना कम होती है।

यदि आपको पहले से कब्ज रहती है तो आप डॉक्टर से फाइबर सप्लीमेंट या मल को नरम बनाने के लिए स्टूल सोफ्टनर लेने के ​बारे में पूछ सकती हैं। इसके अलावा यदि आपकी नौकरी में डेस्क पर बैठना शामिल है, तो लंबे समय तक न बैठें या खड़े न हों, हर घंटे या कुछ मिनटों के लिए उठें और घूमें। घर पर सोते समय, पढ़ते समय या टीवी देखते हुए करवट लेकर लेटें। इससे गुदा क्षेत्र की नसों से दबाव हटता है।

क्या प्रसव के बाद पाइल्स ठीक हो जाती है?
डॉक्टर प्रणाली के मुताबिक जब आपका शरीर प्रसव से उबर रहा होता है, तो उस दौरान अधिकांश मामलों में बवासीर अपने आप गायब हो जाती है या सिकुड़ जाती है। इसके साथ ही हल्के या बिना किसी लक्षण वाली बवासीर बिना किसी उपचार के प्रसव के 2-3 सप्ताह बाद कम हो जाती है। हालांकि प्रसव के कुछ सप्ताह बाद भी अगर यह कम नहीं हो रहा है और गुदा से रक्तस्त्राव हो रहा हो, तो इस बारे में डॉक्टर को अवश्य बताएं।

पाइल्स का उपचार कैसे किया जा सकता है?
डॉक्टर प्रणाली के मुताबिक आइस पैक या फिर बर्फ के पानी में डुबोकर निचोड़ा गया कपड़ा गुदा क्षेत्र में लगाने से सूजन और दर्द में अस्थाई राहत मिल सकती है। वहीं गर्म पानी से नहाएं और हो सके तो 10 से 15 मिनट गर्म पानी में टब में बैठें और लंबे समय तक बैठे रहने पर दबाव कम करने के लिए डोनट के आकार के तकिए का इस्तेमाल करें। साथ ही, यदि बवासीर से बचने के उपाय और घरेलू उपचार काम न आएं या फिर आपको बहुत ज्यादा दर्द या गुदा क्षेत्र में रक्तस्त्राव हो तो अपनी डॉक्टर से बात करें।