किसी भी महिला के लिए मां बनना जीवन के सबसे खूबसूरत अनुभव में से एक होता है। भारतीय परिवारों में किसी महिला के गर्भवती होने की खबर से न केवल वह महिला बल्कि उससे जुड़े बाकी सभी लोग, जैसे पति, सास-ससुर और महिला के माता-पिता खुशी से रोमांवचत हो उठते हैं। एक बच्चे के इस संसार में आने की खुशी से पूरे घर का माहौल हमेशा के लिए बदल जाता है। हालांकि, गर्भवती होना और एक स्वस्थ बच्चे को जन्म देना इतना आसान नहीं बल्कि बहुत ही मुश्किल बात है।

किसी महिला के लिए गर्भधारण के लिए सही समय पर संबंध बनाना बहुत जरूरी है। साथ ही कई दूसरी अहम बातों को भी ध्यान में रखना जरूरी है। जैसे ओव्यूलेशन की सही जानकारी। यह पीरियड्स से जुड़ा होता है। इस दौरान संबंध बनाने से गर्भधारण करने की संभावना सबसे अधिक होती है। पीरियड्स के सात दिन बाद ओव्यूलेशन साइकिल शुरू होती है और पीरियड्स के सात दिन पहले तक रहती है। इस समय को फर्टाइल स्टेज भी कहा जाता है।

सही उम्र में कर लें फैमिली प्लानिंग: कोलकाता की नोवा आईवीएफ फर्टिलिटी सेंटर की कंसल्टेंट डॉ अनिंदिता सिंह का कहना है कि 35 वर्ष के बाद गर्भवती (Pregnancy) होने से प्रजनन दर को प्रभावित करने वाली कई समस्याएं हो सकती हैं। जैसे कि इस उम्र में आपके गर्भवती होने की संभावना थोड़ी कम होती है। इसके साथ ही प्रजनन दर में गिरावट के साथ गर्भपात की दर भी निरंतर बढ़ती जाती है।

डॉ अनिंदिता सिंह के अनुसार गर्भावस्था (Pregnancy) की कुछ जटिलताएं जैसे प्लेसेंटा प्रीविया, अस्थानिक गर्भावस्था (एक्टोपिक प्रेगनेंसी) और समय से पहले प्रसव, डाउंस सिंड्रोम आदि बढ़ सकती हैं। मेडिकल साइंस की माने तो गर्भधारण करने के लिए 22 से 28 की उम्र सबसे उपयुक्त होती है। इसका प्रमुख कारण यह है कि इस उम्र में महिला शारीरिक और मानसिक दोनों तौर पर तैयार होती है।

ऑर्गज्म का ख्याल रखना भी है जरूरी: गर्भवती होने के लिए ऑर्गज्म भी बहुत जरूरी कारक है। संबंध बनाने के दौरान अगर महिला ऑर्गज्म को प्राप्त कर लेती है तो गर्भधारण की संभावना बहुत बढ़ जाती है। इसके अलावा अगर आप गर्भवती होना चाह रही हैं तो सबसे पहले अपनी पूरी जांच कराएं। खासतौर पर पॉलिसिस्टिक ओवेरियन सिस्ट को लेकर चेकअप कराएं।