गर्भावस्था को जांचने के लिए बाजार में कई तरह के किट और दवाइयां मौजूद है लेकिन इसके अलावा भी कई ऐसे पुराने तरीके हैं जिनके माध्यम से आप समझ सकती हैं कि गर्भवती हैं अथवा नहीं। दरअसल गर्भ धारण करने के साथ ही महिला के शरीर में कई तरह के बदलाव शुरू हो जाते हैं।
आप इन लक्षणों से जान सकती हैं कि आप गर्भवती हैं या नहीं। हालांकि, ये लक्षण जरूरी नहीं की गर्भधारण के भी हों, लेकिन महिलाओं के शरीर में इस तरह के बदलाव अमूमन गर्भ धारण के समय में ही आता है। हम आपको कुछ ऐसे तरीक बता रहे हैं जिनसे आप यह पहचान कर सकती हैं कि क्या आप गर्भधारण कर चुकी हैं या नहीं-
फूड क्रेविंग: गर्भवस्था के दौरान महिलाओं में तरह- तरह के व्यंजन कहने के लिए क्रेविंग होती है। ऐसे में क्रेविंग भी गर्भवती होने का एक प्रमुख लक्षण है। गर्भवती महिला का हर वक्त वही खाने का दिल करने लगता है जिसके प्रति विशेष आकर्षण बढ़ जाता है। कई बार ऐसा भी होता है कि इस दौरान महिला की डेली डाइट अचानक से बढ़ जाती है। इसलिए उनका वजन भी बढ़ जाता है।
कब्ज की शिकायत हो जाना: गर्भवती महिलाओं में हॉर्मोनल चेंज होने की वजह से पाचन क्रिया पर भी असर पड़ता है। इसलिए गर्भावस्था के दौरान पाचन क्रिया थोड़ी धीमी हो जाती है। ऐसे में महिला को अक्सर कब्ज की शिकायत रहने लगती है।
सिर दर्द: गर्भवती महिलों में ब्लड वॉल्यूम बढ़ जाने की वजह से सिर में दर्द रहने लगता है। ये गर्भावस्था के शुरुआती लक्षणों में से एक प्रमुख लक्षण है। पर धीरे-धीरे ये खुद ही ठीक हो जाता है।
निपल का रंग: प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं में होने वाले हॉमोर्नल चेंज से मेलेनोसाइट्स प्रभावित होती हैं। इसका प्रभाव उन कोशिकाओं पर पड़ता है जो निपल के रंग के लिए उत्तरदायी होती हैं। गर्भावस्था के दौरान महिलाओं का निपल का रंग गहरा हो जाता है।
स्तन का भारी होना: गर्भावस्था का यह एक बेहद सामान्य लक्षण है। दरअसल, ब्रेस्ट के ऊतक हॉर्मोन्स के प्रति अति संवेदनशील होते हैं। गर्भ धारण करने के साथ ही महिलाओं के शरीर में हॉर्मोनल चेंज होने शुरू हो जाते हैं। फलस्वरूप ब्रेस्ट में सूजन आ जाती है या फिर भारीपन आ जाता है।