Meditation during pregnancy: हर गर्भवती महिला को गर्भावस्था के दौरान बहुत मानसिक और शारीरिक तनाव का सामना करना पड़ता है। शिशु को सुरक्षित और स्वस्थ रखने के लिए उनका शांत रहना जरूरी होता है। इन नौ महीनों के दौरान गर्भवती महिलाएं मानसिक अशांति से गुजरती हैं। काफी सारे हार्मोनल बदलावों और दिन-प्रतिदिन के कार्य को आसानी से ना कर पाने के कारण उन्हें काफी चिड़चिड़ाहट महसूस होती है। हालांकि डॉक्टरों के मुताबिक गर्भवती महिलाओं को शारीरिक और मानसिक रूप से मजबूत रहना जरूरी है। इसके लिए मेडिटेशन को एक अच्छा विकल्प माना गया है। यह तनाव से निपटने में मदद करता है। इसके साथ ही शरीर को ऊर्जा देता है साथ ही मानसिक शांति भी देता है। यूं तो मेडिटेशन हर व्यक्ति के लिए फायदेमंद होता है लेकिन गर्भावस्था के दौरान इसे करने से प्रेग्नेंट महिलाओं को बहुत से लाभ मिल सकते हैं।

इम्यूनिटी बढ़ाता है:
गर्भवती महिलाओं में इंफेक्शन होने का खतरा अधिक होता है। प्रेग्नेंसी के दौरान मेडिटेशन करने से उनकी इम्यूनिटी बढ़ सकती है। इससे लाभ ये होता है कि इस दौरान कई बीमारियां उनसे दूर रहेंगी जिससे किसी भी तरह से होने वाले बच्चे के स्वास्थ पर बुरा प्रभाव पड़ने की संभावना भी बेहद कम हो जाती है।

प्रसव आसान होता है:
मेडिटेशन प्रसव के दर्द को कम करता है क्योंकि मेडिटेशन करने से शरीर को उचित आराम मिल पाता है।

तनाव कम होता है:
गर्भवती महिला को तनाव से बचना जरूरी होता है। मेडिटेशन ना केवल मानसिक तनाव को कम करता है बल्कि शारीरिक तनाव से बचने में भी मदद करता है। इससे आपको आसानी से नींद लेने में मदद मिलती है। यह गर्भ के अंदर पल रहे बच्चे के स्वास्थ्य के लिए भी बहुत अच्छा होता है।

प्री मैच्योर डिलिवरी का खतरा कम होता है:
मेडिटेशन से गर्भवती महिलाओं को फुल टर्म प्रेग्नेंसी का आनंद मिलता है। मेडिटेशन शरीर से तनाव को कम करने में मदद करता है और समय से पहले बच्चे के जन्म की संभावनाओं को कम करता है। यह शरीर के वजन को भी स्वस्थ रखता है।

(और Lifestyle News पढ़ें)