मोटापे के यूं तो कई तरह के साइड इफेक्ट्स होते हैं लेकिन अगर प्रेग्नेंसी के दौरान आप मोटापे का शिकार होती हैं तो इसका रिजल्ट इनफर्टिलिटी तक हो सकता है। एक आंकड़े के मुताबिक दुनिया भर में हर साल 6-8 करोड़ लोग इन्फर्टिलिटी का शिकार होते हैं जिनमें से तकरीबन डेढ़ करोड़ भारत से होते हैं। इनमें लगभग दस प्रतिशत लोगों की प्रजनन क्षमता में कमी मोटापे की वजह से आती है। इसलिए गर्भधारण से पहले जरूरी है कि आप अपना वजन कम करने की कोशिश करें। ऐसा इसलिए भी कि इन्फर्टिलिटी के अलावा भी प्रेग्नेंसी के दौरान मोटापे की वजह से कई तरह की समस्याएं आपको परेशान करती हैं। आज हम ऐसी ही समस्याओं के बारे में आपको बताने वाले हैं जो प्रेग्नेंसी में मोटापे की वजह से सामने आती हैं-
1. गर्भपात – प्रेग्नेंसी के दौरान मोटापे की वजह से गर्भधारण के बाद बच्चे को पोषण कम मिलने का खतरा रहता है। इससे गर्भपात का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए प्रेग्नेंसी से पहले वजन घटाना बहुत जरूरी होता है।
2. बच्चे में भी मोटापा – ताजा शोधों में इस बात का दावा किया गया है कि मोटापे से पीड़ित मां से होने वाला बच्चा भी मोटापे की समस्या से ग्रस्त होता है।
3. प्रसव संबंधी परेशानी – प्रेग्नेंसी के दौरान अत्यधिक मोटापे की वजह से प्रसव में काफी दिक्कतें आती हैं। ऐसे में उन्हें बहुत ज्यादा तकलीफ से गुजरना पड़ता है।
4. संक्रमण – बहुत ज्यादा वजनी प्रेग्नेंट महिलाओं के मूत्र मार्ग में संक्रमण की शिकायत हो सकती है। साथ ही साथ मोटापे की वजह से पोस्टपार्टम इंफेक्शन का भी खतरा बढ़ जाता है।
5. प्रीक्लम्पसिया – यह प्रेग्नेंसी के दौरान ब्लडप्रेशर के बढ़ने के कारण होने वाली समस्या है। इसमें यूरीन में प्रोटीन जमा हो जाता है। इसकी वजह से पैरों और हाथों में बदबू, सिरदर्द तथा चक्कर आने जैसी समस्याएं सामने आती हैं।
6. डाइबिटीज – मोटापे से ग्रस्त प्रेग्नेंट महिला को डायबिटीज की समस्या से भी ग्रस्त होना पड़ सकता है। गर्भावस्था में डाबिटीज से पीड़ित होना कई तरह की बीमारियों को जन्म दे सकता है जो कि प्रेग्नेंसी के लिए सही नहीं है।![]()

