महिलाओं के लिए प्रेग्नेंसी के समय और उसके बाद भी योग करना और जरुरी हो जाता है। दरअसल प्रसव के दौरान अधिक मात्रा में कैलोरी खर्च होती है इसलिए डिलीवरी के बाद महिलाओं को कुछ ऐसा खाने की सलाह दी जाती है जिससे उन्हें ताकत मिले। प्रसव के बाद योग करने से शरीर में जो कमजोरी आई है वो जल्दी ही सही हो जाती हैं।
महिलाओं को ये शिकायत हमेशा रहती है कि प्रेग्नेंसी के बाद उनका वजन बढ़ गया है। योग से इस स्ट्रेस से भरी जिन्दगी में आराम मिलता है साथ ही शरीर स्वस्थ रहता है। आज हम ऐसे योगासनों के बारे में आपको बताने जा रहें हैं जिन्हे अपनाकर प्रेग्नेंसी के बाद की परेशानियों से बचा जा सकता है। आइए जानते हैं-
गरुड़ासन: यह आसन जोड़ों के दर्द को कम करता है साथ ही उनमे मजबूती लाता है। यह स्ट्रेस और टेंशन को भी दूर करने में मदद करता है। इस आसन को करने के लिए पहले अपने बाएं हाथ से दाएं हाथ को मोड़ कर क्रॉस बनाएं। ऐसे ही बाएं पैर को दाएं पैर से क्रॉस बनाएं। फिर शरीर को थोड़ा-सा झुकाएं। इस आसन को 5 से 6 बार अपनाएं।
शवासन: जब भी आपके पास समय हो तब ही 10 मिनट के लिए शवासन मुद्रा में लेट जाएं। गहरी सांस लें, इससे आपको आराम मिलेगा जो प्रसव के बाद बहुत जरुरी होता है।
अधोमुख शवासन: इस आसन में अपने शरीर को ‘V’ के शेप में रखना होता है। टांगों और कमर को 90 डिग्री के कोण में रखें। अपने हाथों को जमीन पर रख कर अपनी अंगुलियों को फैला कर रखें। सिर को छाती की तरफ झुकाएं। इस मुद्रा में 1 से 2 मिनट रहें और 3 से 4 बार इसे दोहराएं।
वीरभद्रासन: प्रेग्नेंसी के दौरान शरीर बहुत कमजोर हो जाता है। रोजमर्रा के काम करने में भी थकान होने लगती है। इस थकान से बचने के लिए इस आसन को अपनाना चाहिए, इसे करने के लिए दीवार की तरफ मुंह कर के लेट जाएं और अपनी टांगों को दिवार की तरफ ही सीधा ऊपर की तरफ रखें।
बलासन: इस आसन को करने से कमर दर्द और हिप मसल्स मजबूत होती हैं जो प्रसव के दौरान कमजोर हो गयी होती हैं। साथ ही इस आसन को करने से घुटनों और उसके ऊपर टांगों में आए फैट में कमी आती है।
भुजांगासन: प्रसव के बाद कमर दर्द की समस्या रहती है। इस आसन को करने से कमर दर्द की समस्या खत्म हो जाती है।