साल 2017 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस के लिए प्रशांत किशोर रणनीति बना रहे थे। यहां प्रशांत किशोर के आने से पार्टी को फायदा मिलने की उम्मीद जताई जा रही थी, लेकिन ऐसा कुछ नतीजों में नजर नहीं आया। प्रशांत किशोर ने यूपी में कांग्रेस की हार के लिए सीधा जिम्मेदार गठबंधन को ठहराया। कांग्रेस की बुरी हार के बाद प्रशांत किशोर ने कई चीजों पर खुलकर बात की थी।

प्रशांत किशोर ने ‘द लल्लनटॉप’ से बात करते हुए कहा, ‘हमने तीन महीने तक यूपी में बिताए और रणनीति बनाई। इसका ही हिस्सा था कि प्रियंका गांधी उत्तर प्रदेश कांग्रेस का चेहरा होंगी। 29 मार्च 2016 को ये मैंने राहुल गांधी के सामने पेश किया। कांग्रेस कुछ चीजों पर राजी नहीं थी। इसमें प्रियंका गांधी को चेहरा बनाना था और सोनिया गांधी का रोड-शो तक शामिल था। जून में उन्होंने बात मानी और वाराणसी से सोनिया गांधी ने अपना रोड-शो किया।’

प्रशांत किशोर आगे बताते हैं, ’12 मॉड्यूल बचे हुए थे तो कांग्रेस में ये बात हुई कि अच्छी हवा बन गई है। इसका फायदा उठाने के लिए उन्होंने अखिलेश से 110 सीटें मांग लीं। कांग्रेस की जो सुगबुगाहट शुरू हुई थी, उसे उन्होंने कैश कर लिया। मैं राहुल गांधी के इस फैसले से बिल्कुल खुश नहीं था और इसमें भागीदार न होने के बाद भी मैंने खुद को इससे अलग नहीं किया। हार का ठीकरा मेरे सिर पर फोड़ा जाना चाहिए। राहुल के परिवार से मेरा बहुत अच्छा संबंध है, लेकिन मैंने हाथ जोड़कर राहुल से अलग होने के लिए कहा। क्योंकि मैं जो वायदा करके आया था वो उन्हें दिलवा नहीं पाता। मैंने खुद को अलग करना ही ठीक समझा।’

नरेंद्र मोदी की तारीफ में क्या बोले PK: पत्रकार करण थापर ने एक बार प्रशांत किशोर से नरेंद्र मोदी के व्यक्तित्व के विषय पर सवाल किए थे। इंटरव्यू के दौरान उन्होंने पूछा था कि लोग कहते हैं कि नरेंद्र मोदी को भारतीय लोगों की अच्छी समझ है? वह अच्छे से इस बात का अनुमान लगा लेते हैं कि लोग क्या महसूस करते हैं? प्रशांत किशोर ने उनके इस सवाल का जवाब देते हुए बताया था कि यह सब उनके अनुभव की वजह से है। अगर आप किसी एक चीज़ में 40 वर्ष बिताते हो, तो निश्चित रूप से आप होशियार और बुद्धिमान होंगे। यह सब उनके अनुभव का ही परिणाम है।