प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) 21 अक्टूबर को उत्तराखंड पहुंचे। यहां उन्होंने केदारनाथ धाम में पूरे विधि-विधान से पूजा-अर्चना की। इस दौरान पीएम के कपड़ों ने एक बार फिर सबका ध्यान खींचा। पीएम मोदी हिमाचल प्रदेश की पारंपरिक ड्रेस ‘चोला-डोरा’ में नजर आए। उन्होंने पारंपरिक पहाड़ी टोपी भी लगा रखी थी।
पीएम की ड्रेस में क्या खास? केदारनाथ धाम में पूजा-अर्चना के दौरान पीएम मोदी ने जो ड्रेस पहनी, वह हिमाचल प्रदेश की गद्दी जनजाति की पारंपरिक ड्रेस है। खासकर सर्दियों के दिनों में इस जनजाति के लोग इसी वेशभूषा में नजर आते हैं। इसे चोला-डोरा या चोलू भी कहा जाता है।
‘चोला-डोरा’ एक तरीके से ओवरकोट की तरह होता है और पूरी तरह ऊन से बना होता है। चोला यानी ओवरकोट नुमा ड्रेस (उपरी ड्रेस) और डोरा यानी इस ड्रेस को उपर से बांधने वाली पट्टी या बेल्ट।
बीबीसी हिंदी अपनी एक रिपोर्ट में ओसी हांडा की किताब ‘टेक्सटाइल्स, कॉस्टयूम एंड ऑर्नामेंट्स ऑफ वेस्टर्न हिमायलाज’ (Textiles, Costumes, and Ornaments of the Western Himalaya) के हवाले से लिखता है कि गद्दी जनजाति के लोग भगवान शंकर को बहुत मानते हैं। ऐसी मान्यता है कि इन्हीं के पूर्वजों में से एक- जयस्तंभ की पूजा से भगवान शिव प्रसन्न हुए और एक चोला, डोरा और टोपा प्रदान किया था। तभी से यह गद्दी जनजाति के पुरुषों की वेशभूषा का अभिन्न अंग बन गया’।
पीएम मोदी ने जो चोला-डोरा पहना उस पर एक तरफ स्वास्तिक का निशान तो दूसरी तरफ मोर पंख की कढ़ाई बनी है। इसे हाथ से बनाया गया है।
उत्तराखंड में हिमाचल की ड्रेस क्यों? पीएम मोदी कुछ दिनों पहले ही हिमाचल प्रदेश के दौरे पर गए थे। यहां राज्य के चंबा जिले में उन्हें गद्दी जनजाति से ताल्लुक रखने वाली एक स्थानीय महिला ने अपने हाथ से बनाया खास ‘चोला-डोरा’ गिफ्ट किया था। रिपोर्ट्स के मुताबिक तब प्रधानमंत्री मोदी ने महिला से वादा किया था कि वह जब भी किसी ठंडी जगह पर जाएंगे तो इस ड्रेस को जरूर पहनेंगे। अब उन्होंने उत्तराखंड दौरे पर इस ड्रेस को पहनकर अपना वादा भी निभाया और एक संदेश देने की कोशिश की।
आपको बता दें कि हिमाचल प्रदेश के तीन जिलों- मंडी, कांगड़ा और चंबा में गद्दी जनजाति की अच्छी-खासी संख्या है। और वहां की राजनीति में भी अच्छी धमक है। आपको बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी उत्तराखंड की दो दिवसीय यात्रा पर हैं। जहां कई परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे और समीक्षा भी करेंगे।