“…मुकेश अंबानी अपनी केबिन में बैठकर चुपचाप मुंबई इंडियन्स को खेलते हुए देख रहे थे। आसपास के माहौल से बिल्कुल बेखबर होकर। उनका बेटा काफी उत्साहित दिख रहा था। वहीं, पत्नी हीरे के गहनों से सजी हुई थीं। जबकि तमाम लोग उनसे बातचीत करने के मौके का उत्सकता से इंतजार कर रहे थे।”
15 जून 2008 को प्रकाशित मुकेश अंबानी के इंटरव्यू की शुरुआत न्यूयॉर्क टाइम्स ने कुछ इस तरह से की थी। आगे उनकी तुलना महात्मा गांंधी से करते हुए लिखा था कि बीती शताब्दी में मोहनदास करमचंद गांधी भारत के सबसे प्रसिद्ध और शक्तिशाली इंसान थे। आज अंबानी को उस भूमिका में माना जाता है। हालांकि, बहुत अलग तरीके से। गांधी की तरह ही अंबानी भी व्यापारी जाति से ताल्लुक रखते हैं, जिन्हें बनिया नाम से जाना जाता है। यह जाति अमूमन शाकाहारी है और भारत के निर्माण के लिए क्रांतिकारी विचार रखने वाली मानी जाती है।
महात्मा गांधी गांवों के उत्थान के समर्थक और आध्यात्मिक व्यक्ति थे, जबकि अंबानी कुलीन वर्ग से नाता रखने वाले हैं। वह अरबों डॉलर की संपत्ति के मालिक होने के साथ भारत के सबसे अमीर व्यक्ति हैं। न्यूयॉर्क टाइम्स को 2008 में दिए इंटरव्यू में मुकेश अंबानी कहते हैं कि वे भारत के लिए उतने ही चिंतित हैं, जितनी अपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज के लिए।
न्यूयार्क टाइम्स ने इंटरव्यू में पूछा-क्या इस देश से गरीबी हट सकती है ? अपने मुख्यालय पर दिए साक्षात्कार में अंबानी ने कहा-हां, हम देश से गरीबी खत्म कर सकते हैं। हमें एक ऐसी सामाजिक संरचना बनानी चाहिए, जहां अस्पृश्यता के लिए कोई जगह न हो। हम तेजी से एक नए भारत में प्रवेश कर रहे हैं, जहां जाति के लिए कोई जगह नहीं होगी।
उनकी सफलता का प्रतीक मुंबई का टावर की शक्ल में खड़ा वह विशाल निवास है, जिसकी दीवारों सौ फीट लंबी हैं, पार्किंग की कई स्तरीय सुविधा, बहुस्तरीय जिम्नेजियम, बॉलरूम, एक थिएटर, अतिथियों के लिए क्वार्टर और छत पर हेलीपैड है। मुंबई में जिस रोड के किनारे अंबानी का विशाल निवास स्थित है, उस रोड को कभी अल्टामाउंट रोड के नाम से जाना जाता था। 1990 में जब बॉम्बे का नाम बदलकर मुंबई हो गया तो अल्टामाउंट का नाम एसके बरोदवाला मार्ग हो गया। हालांकि, इस बिल्डिंग की कीमत दो बिलियन डॉलर आंकी जाती है, मगर रिलायंस के प्रवक्ता के मुताबिक, इसकी कीमत करीब 70 मिलियन डॉलर है। पीढ़ियों तक अल्टामाउंट भारत के अभिजात्य वर्ग के लिए एक महत्वपूर्ण पता था।
इंटरव्यू के दौरान मुकेश अंबानी ने बताया कि परिवार के सदस्यों से वे अक्सर गुजराती और अंग्रेजी में ही बात करते हैं। वे सफेद शर्ट, काले रंग की पैंट और काले रंग के जूते पहनना पसंद करते हैं। हर सप्ताह अपने निजी थिएटर में कम से कम तीन फिल्में देखते हैं। वह कहते हैं कि आपको जीवन में कुछ बचपने की जरूरत होती है। वे दो से तीन घंटे आपको बेहद राहत देते हैं। मुकेश अंबानी खाने-पीने के बेहद शौकीन हैं। वह स्ट्रीट फूड बेहद पसंद करते हैं। डोसा की तलाश में वे फैंसी रेस्तरां से भी बाहर निकल जाते हैं।