भारत के सबसे अमीर शख़्स मुकेश अंबानी का परिवार बेहद चर्चा में रहता है। उनकी पत्नी नीता अंबानी लाइमलाइट में बनी रहती है और उनके लैविश लाइफस्टाइल के किस्से बड़े मशहूर हैं। दोनों ने अपने तीनों बच्चों का पालन – पोषण बड़े ही शिद्दत से किया है। जब मुकेश अंबानी खुद को एक उद्योगपति के रूप में स्थापित करने में लगे थे और उनकी व्यस्तता बहुत ज़्यादा थी, तब भी वो अपने परिवार के प्रति अपनी ज़िम्मेदारियों से कभी पीछे नहीं हटे। वो अपने बच्चों के होम वर्क कराने से लेकर घर पर उनका ख्याल तक रखते थे।

नीता अंबानी ने इंडियन टुडे कॉन्क्लेव 2018 के दौरान एक इंटरव्यू में बताया था कि व्यस्तता के बावजूद घर पर डिनर के वक्त हर रोज दोनों में से कोई एक होता था। उन्होंने बताया कि एक बार तो ऐसा हुआ रिलायंस की बोर्ड मीटिंग चल रही थी, और ईशा अंबानी ने अपने पिता मुकेश अंबानी को कॉल कर दिया। दरअसल ईशा एक मैथ्स का सवाल सॉल्व नहीं कर पा रहीं थीं। मुकेश अंबानी ने उसी बोर्ड मीटिंग के दौरान ईशा का सवाल सॉल्व किया था।

मुकेश और नीता अंबानी ने अपने बच्चों को पैसे का महत्व बचपन से ही सिखाया है। इतना धनवान होने के बावजूद भी कभी उन्होंने बच्चों को फिजूलखर्ची की शिक्षा नहीं दी। जब बच्चे स्कूल में पढ़ते थे तब हर शुक्रवार को नीता अंबानी उन्हें पांच रुपए देती थीं ताकि वो कैंटीन से कुछ खा सकें।

 

इसी से जुड़ी एक दिलचस्प घटना का ज़िक्र नीता अंबानी ने Vogue मैगज़ीन से इंटरव्यू के दौरान किया था, ‘एक दिन मेरा सबसे छोटा बेटा अनंत मेरे बेडरूम में दौड़ते हुए आया और कहने लगा कि मुझे 5 नहीं 10 रुपए चाहिए। मैंने पूछा क्यों तो उसने कहा कि स्कूल में दोस्त मेरे पास 5 रुपए का सिक्का देखकर हंसते हैं और कहते हैं कि अंबानी है या भिखारी। इस बात की सुन मैं और मुकेश खूब हंसे थे।’

 

मुकेश अंबानी अपने बच्चों को लेकर कभी पढ़ाई का प्रेशर नहीं डालते थे लेकिन ये जरूर चाहते थे कि उनके बच्चे एक अच्छी शिक्षा ग्रहण करें। उन्होंने एक इंटरव्यू के दौरान बताया था कि पढ़ाई में उनके बच्चे भले ही टॉप न करें लेकिन उनके बेसिक्स क्लियर होने चाहिए।