पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना ने साल 1918 में जब खुद से 24 साल छोटी रतनबाई पेतीत से दूसरी शादी की तो सब दंग रह गए थे। रतनबाई, जिन्ना के करीबी पारसी दोस्त दिनशॉ पेतीत की बेटी थीं। घर में उन्हें रति के नाम से बुलाया जाता था। दोनों पहली बार साल 1916 में मिले थे। जिन्ना को पहली नजर में ही रति पसंद आ गई थीं। उन्होंने जब अपने दोस्त दिनशॉ से रति संग शादी की बात चलाई तो वे बेहद नाराज हो गए। रति उस वक्त नाबालिग भी थीं।
‘फ्लावर ऑफ बॉम्बे’ कही जाती थीं रति जिन्ना: दो साल बाद जब रति कानूनी तौर पर बालिग हुईं तो वो जिन्ना के पास बंबई (अब मुंबई) आ गईं। यहां पहले जामा मस्जिद में इस्लाम कबूल किया और अगले दिन जिन्ना के घर में निकाह संपन्न हुआ। रति बला की खूबसूरत थीं और उन्हें ‘फ्लावर ऑफ बॉम्बे’ कहा जाने लगा था।
वरिष्ठ पत्रकार और लेखिका शीला रेड्डी अपनी किताब ‘मिस्टर एंड मिसेज जिन्ना’ में लिखती हैं कि रति ने भले ही इस्लाम धर्म कबूल कर लिया था लेकिन वो बेहद मॉडर्न लाइफस्टाइल फॉलो किया करती थीं। रति को अक्सर डीप नेक वाली शॉर्ट ड्रेस में देखा जाता था। एक हाथ में सिगरेट और दूसरे में चांदी या संगमरमर का सिगरेट होल्डर।
उस शाम ड्रेस पर हो गया था बवाल: किस्सा बंबई के गवर्नर लॉर्ड विलिंग्टन के यहां आयोजित एक डिनर से जुड़ा है। उन्होंने जिन्ना और रति को अपने घर दावत पर बुलाया था। उस जमाने में खासकर हिंदुस्तानी औरतें साड़ी या ऐसे लिबास पहना करती थीं जिसमें बमुश्किल अंग दिखता था। लेकिन उस शाम रति, जो ड्रेस पहनकर डिनर में पहुंचीं उसपर सबकी निगाहें टिक गईं। यह बेहद लो नेक-लाइन ड्रेस थी। क्लीवेज साफ नजर आ रहा था।
बीबीसी हिंदी ने रति जिन्ना के जीवनी लेखक ख़्वाजा रजी हैदर के हवाले से बताया है कि ‘उस शाम रति जिन्ना की ड्रेस देखकर लेडी विलिंग्टन ने अपने एडीसी से कहा कि इन्हें (रति) को शॉल लाकर दे दो, सर्दी लग रही होगी। जिन्ना इस बात पर बेहद ख़फा हुए और कहा कि रति को सर्दी महसूस होगी तो खुद आपसे शॉल मांग लेंगी।’ बात यहीं खत्म नहीं हुई थी, बल्कि जिन्ना इतने नाराज हुए कि दावत से वॉक आउट कर गए थे।
जिन्ना से अलग ताज होटल में रहने लगी थीं रति: शादी के महज 8 साल बाद जिन्ना और रति के रिश्तों में दरार आ गई। एक तो उम्र का फासला और दूसरा जिन्ना की बदलती राजनीतिक प्राथमिकता। जिन्ना की सांप्रदायिक राजनीति रति को रास नहीं आ रही थी। दोनों के बीच राजनीति मतभेद बढ़ गए थे।
बात इतनी बिगड़ी कि रति, जिन्ना से अलग ताज होटल में रहने लगीं। बाद में अलग मकान ले लिया। इसी दौरान उनकी तबीयत बिगड़ गई और साल 1928 में इलाज के लिए फ्रांस चली गईं। हालांकि तबीयत में सुधार नहीं हुआ। फरवरी 1929 में महज 29 साल की उम्र में रति का निधन हो गया था। रति के निधन के बाद संभवत: पहला और आखिरी मौका था जब जिन्ना को सार्वजनिक तौर पर फूट-फूटकर रोते देखा गया था।