उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव के लिए तमाम राजनीतिक दलों ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। बहुजन समाज पार्टी (BSP) भी इसमें शामिल है। बसपा सुप्रीमो मायावती लगातार सत्तारूढ़ योगी सरकार और प्रतिद्वंदी समाजवादी पार्टी पर हमलावर हैं। उन्होंने योगी सरकार को गन्ने के दाम में महज 25 रुपए बढ़ोतरी के मसले पर घेरा है। बता दें, मायावती पर अक्सर विपक्षी दल पैसा लेकर टिकट देने का आरोप लगाते रहे हैं। लेकिन बीएसपी इससे इंकार करती रही है। एक इंटरव्यू में मायावती ने इस आरोप पर खुलकर अपनी बात रखी थी।

वरिष्ठ पत्रकार प्रभु चावला ने मायावती से पूछा था, ‘विरोधी दल तो आपके ऊपर आरोप लगाते हैं कि जो सबसे ज्यादा पैसे देता है उसे टिकट मिल जाता है। अब पता नहीं ये सच है या झूठ है? मायावती जवाब में कहती हैं, ‘क्या गलत बात करते हैं। बहुजन समाज पार्टी, कांग्रेस और बीजेपी की तरह उद्योगपतियों से पैसा लेकर पार्टी नहीं चलाती है। हमारे लोग बहुजन समाज से चंदा लेकर पार्टी चलाते हैं। ये दूसरी पार्टियां गलत प्रचार कर रही हैं। क्योंकि उनकी पार्टी को चंदा मिलता नहीं है।’

मायावती कहती हैं, ‘जब लोग चंदा नहीं देते हैं तो ये बड़ी पार्टियों को उद्योगपतियों से पैसा लेना पड़ता है। मेरे जन्मदिन पर भी कार्यकर्ता चंदा देते हैं और पार्टी के काम को आगे चलाते हैं। खैर, बीएसपी इतनी कमजोर नहीं है कि ऐसे आरोपों से हमें कोई फर्क पड़ेगा।’

अपराधियों को नहीं मिलना चाहिए टिकट: प्रभु चावला आगे पूछते हैं, ‘अपराधियों को चुनाव में टिकट नहीं देना चाहिए। आपका क्या मानना है? और उन्हें मंत्री भी नहीं बनाना चाहिए।’ मायावती कहती हैं, ‘हम तो शुरू से ही इसके खिलाफ रहे हैं कि ऐसे लोगों को बिल्कुल टिकट नहीं मिलना चाहिए। लेकिन इसके लिए एक कानून तय होना चाहिए। हमारे अकेले से कुछ नहीं होगा। सभी पार्टियों को बैठकर इस पर विचार करना चाहिए और तय करना चाहिए कि टिकट देना है या नहीं।’

मायावती कहती हैं, ‘अब मैं अपनी पार्टी की जिम्मेदार हूं। कोई दूसरी पार्टी को मैं नहीं रोक सकती। अब दूसरी पार्टी अगर अपराधियों को बढ़ावा देगी तो मैं उन्हें रोकने वाली कौन होती हूं? हमने किसी भी गलत व्यक्ति को टिकट नहीं दिया। बहुजन समाज पर आंच आती है तो वो मायावती के ऊपर आती है।’

मुख्तार अंसारी को दिखाया बाहर का रास्ता: चुनाव से ऐन पहले मायावती ने साफ कर दिया है कि किसी भी अपराधी और माफिया डॉन को इस बार पार्टी टिकट नहीं देगी। इसी क्रम में मायावती ने बाहुबली मुख्तार अंसारी को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया है। मायावती ने साल 2017 का चुनाव बिना किसी गठबंधन के लड़ा था और इसमें उनकी पार्टी को 19 सीटों पर जीत हासिल हुई थी। जबकि साल 2012 के चुनाव में 5 साल मुख्यमंत्री रहने के बाद मायावती ने 80 सीटें जीती थीं।