उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव को देखते हुए राजनीतिक पार्टियों की जोड़-तोड़ शुरू हो गई है। इस चुनाव में समाजवादी पार्टी अन्य छोटी पार्टियों के साथ मैदान में उतरने की तैयारी में है। अखिलेश यादव ने पहले ही साफ कर दिया था कि उनकी पार्टी किसी भी बड़े राजनीतिक दल के साथ गठबंधन नहीं करेगी। चुनावी हलचल के बीच यूपी के पूर्व सीएम मुलायम सिंह यादव का एक पुराना इंटरव्यू वायरल हो रहा है, जिसमें वे मायावती सरकार को लेकर तमाम सवालों के जवाब देते दिख रहे हैं।

इस इंटरव्यू में वरिष्ठ पत्रकार प्रभु चावला ने मुलायम सिंह यादव से सवाल पूछा था, ‘बहुजन समाज पार्टी के लोग लगातार आपके ऊपर आरोप लगा रहे हैं कि आप एक दलित महिला को मुख्यमंत्री के रूप में सहन नहीं कर पा रहे हैं। आपको इस बात से परेशानी है कि एक दलित महिला कैसे उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री बन गई और वो कांग्रेस, बीजेपी समेत सबके ऊपर भारी पड़ रही है।’ इसके जवाब में मुलायम ने कहा था, ‘मायावती और बीएसपी के इन आरोपों के बाद क्या हम अपनी पार्टी खत्म कर दें… क्या हम साधु-संन्यासी हैं? हम भी तो राजनीति करेंगे।’

प्रभु चावला अगला सवाल करते हैं, ‘यूपी का चुनाव देखकर लगता है कि वहां जातिवाद-वंशवाद के अलावा चुनाव कुछ नहीं है।’ मुलायम सिंह ने जवाब देते हुए कहा था, ‘समाजवादी पार्टी न वंशवाद में है और न ही भ्रष्टाचार में है। हमारी पार्टी के ऊपर कभी कोई दाग नहीं लगा। आप लोग जातिवाद के लिए कैसे कह सकते हैं। हमारी पार्टी ही समाजवादी है तो हम लोग को जाति में विश्वास करते ही नहीं हैं। हम लोग चाहते हैं कि मुस्लिमों को भी बराबरी का हक मिले और मुस्लिमों को 18 प्रतिशत आरक्षण मिलना चाहिए।’

मुलायम-लालू के बच्चों को आरक्षण क्यों मिले? बिहार के पूर्व सीएम लालू प्रसाद यादव से वरिष्ठ पत्रकार अंजना ओम कश्यप ने एक इंटरव्यू में पूछा था, ‘आप आरक्षण की मांग करते हैं, लेकिन विरोधी दल कहते हैं कि लालू और मुलायम के बच्चों को आरक्षण क्यों मिलना चाहिए?’ इसके जवाब में लालू प्रसाद यादव ने कहा था, ‘ये बात आप आज कह रही हैं, लेकिन बीजेपी तो कबसे आरक्षण खत्म करने के लिए कह रही है। हम लोग तो अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) से आते हैं और इसमें तो वैसे भी क्रीमी लेयर हैं। हमारे बच्चों को तो वैसे भी आरक्षण का लाभ नहीं मिलेगा।’