25 नवंबर से देश के किसान कृषि कानूनों के विरोध में सड़कों पर हैं। पंजाब,हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसानों ने राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली आने वाले कई बॉर्डर पर डेरा जमाया हुआ है लेकिन अभी तक गतिरोध नहीं टूट सका। आंदोलन में पंजाब के किसान नेताओं के अलावा उत्तर प्रदेश के कई किसान नेता भी चर्चा में हैं। ऐसे ही एक किसान नेता हैं सरदार वीएम सिंह।
कौन हैं वीएम सिंह : वीएम सिंह उर्फ वीरेंद्र मोहन सिंह भारतीय राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। वो लंबे समय से पश्चिमी उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में किसानों की लड़ाई लड़ रहे हैं। वीएम सिंह कई बार गन्ना भुगतान के लिए राज्य सरकार और मिलों के खिलाफ धरना दे चुके हैं। वीएम सिंह ऑल इंडिया किसान संघर्ष समिति के संयोजक रह चुके हैं हालांकि कुछ दिन पहले उन्हें पद से हटा दिया गया था। वीएम सिंह फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य के लिए लगातार आवाज उठा रहे हैं।
अरबों की संपत्ति के मालिक हैं वीएम सिंह : ऑल इंडिया किसान मजदूर संघर्ष समिति के संयोजक रहे वीएम सिंह अरबों की संपत्ति के मालिक हैं। 2012 विधानसभा चुनाव के दौरान दिए गए चुनावी हलफनामे के मुताबिक वीएम सिंह के पास 631 करोड़ रुपए की चल-अचल संपत्ति है। दिलचस्प बात यह है कि 2012 में उनके पास सिर्फ 35 लाख की चल संपत्ति थी जबकि 631 करोड़ रुपए की अचल संपत्ति थी। उनकी अचल संपत्ति में ज्यादा हिस्सा कृषि योग्य भूमि का है। वीएम सिंह के पास उत्तर पश्चिमी दिल्ली में 270 करोड़ रुपए की कृषि जमीन है इसके अलावा उनके पास दिल्ली के ग्रेटर कैलाश में एक घर भी है।
चुनावी मैदान में भी किस्मत आजमा चुके हैं वीएम सिंह : ‘द प्रिंट’ के मुताबिक किसान नेता वीएम सिंह पूर्व केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी के कजिन हैं। उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी से बीकॉम ऑनर्स की पढ़ाई की है। वीएम सिंह चुनावी मैदान में भी अपनी किस्मत आजमा चुके हैं, 2009 लोकसभा चुनाव में वीएम सिंह पीलीभीत लोकसभा सीट से वरुण गांधी के खिलाफ चुनाव लड़े थे हालांकि उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। इसके अलावा 2012 में वीएम सिंह टीएमसी के टिकट पर विधानसभा चुनाव भी लड़े थे। उन्होंने 2015 में राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन पार्टी की स्थापना भी की।