इंदिरा गांधी के छोटे बेटे और पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के बारे में कहा जाता है कि वो बहुत शर्मीले व्यवहार के थे। खुद इंदिरा गंधी ने भी कई मौकों पर ये बात कबूली है। लेकिन शर्मीले राजीव गांधी पहली नजर में ही इटली की सोनिया मानियो पर अपना दिल हार बैठे थे। इतना ही नहीं राजीव गांधी ने उन्हें जब देखा तब उन्होंने वेटर के हाथों सोनिया तक एक पोएम और वाइन की बोतल पहुंचाई थी। दरअसल मामला है साल 1965 का। राजीव गांधी लंदन के कैंब्रिज यूनिवर्सिटी में अपनी पढ़ाई कर रहे थे और सोनिया गांधी भी वहीं पढ़ रही थीं। राजीव और सोनिया की पहली मुलाकात कैंब्रिज के एक ग्रीक रेस्टोरेंट में हुई थी। सोनिया को पहली बार देखते ही राजीव गांधी ने उन्हें अपनी दिल दे दिया था। राजीव गांधी उस रेस्टोरेंट में अपने कुछ दोस्तों के साथ गए थे और सोनिया अकेली थीं और यहां से इन दोनों की लव स्टोरी की शुरूआत हुई।

सोनिया तब अठारह साल की थीं और वह इटली के ट्यूरिन के पास ओरबासेनो से कैंब्रिज आई थीं। वह कैंब्रिज के लेनॉक्स कूक स्कूल ऑफ लैंग्वेज जहां नॉन-इंग्लिश बोलने वाले छात्रों को शिक्षा दी जाती थी वहां वह इग्लिश की पढ़ाई करने आई थीं और यह कैंब्रिज का सबसे महंगा और प्रतिष्ठित स्कूल था। एक शाम, सोनिया सेंट. एंड्रू रोड पर वर्सिटी नामक एक ग्रीक रेस्तरां में गई थीं। रेस्टोरेंट के मालिक चार्ल्स एंटोनी ने सोनिया का अभिवादन किया था। सोनिया खिड़की वाली टेबल चाहती थीं, लेकिन ग्राउंड फ्लोर की खिड़की वाली सारी टेबलें बुक थीं। इसलिए चार्ल्स ने सोनिया को कैशियर डेस्क के सामने टेबल पर बैठने के लिए ऑफर किया। यहीं पास में भारतीय और पाकिस्तानी छात्रों का एक समूह भी था। इस ग्रुप में बैठे थे राजीव गांधी। राजीव के साथ थे संजय गांधी, दीप कौल, सैयद महमूद, ताहिर जहांगीर और सुहैल इफ्तेखार। ये लोग वहां राजनीति पर चर्चा कर रहे थे।

जहांगीर के अनुसार, जब सोनिया उनके टेबल के पास से गुजरीं तो सारी बातचीत अचानक रुक गई। जहांगीर ने बताया ‘जल्द ही हमारी बातचीत फिर से शुरू हो गई, लेकिन मैंने देखा कि राजीव खोए हुए हैं और उनकी बातचीत पर ध्यान नहीं दे रहे हैं। उन्होंने एक पेपर नैपकिन लिया और उसपर एक पोएम लिखा। इसके बाद उन्होंने चार्ल्स को बुलाया और उनसे वाइन की सबसे अच्छी बोतल लाने को कहा। राजीव ने इसके बाद चार्ल्स को बोला कि उस लड़की के पास जाओ और यह नैपकिन और वाइन की बोतल खुद देकर आओ।'( ये जानकारी राशिद किदवई की किताब Sonia- A Boigraphy से ली गई है)

सोनिया के लिए भी यह पहली नजर में प्यार था। इसके बाद उनकी मुलाकात शुरू हो गई। राजीव और सोनिया अक्सर कैम्ब्रिज में फिल्में देखने जाते थे। पहली फिल्म जो उन्होंने एक साथ देखी, वह प्रसिद्ध फिल्म निर्माता सत्यजीत रे की पाथेर पांचाली थी। कभी-कभी वे नदी के किनारे जाकर बैठा करते थे। उन्हें डांस करना पसंद था और साथ में चाय पीने जाना भी।

उस वाइन की बोतल और टिशू पेपर पर लिखि पोएम से एक नई प्रेम कहानी शुरू हुई जो आगे चलकर सबसे मशहूर शादियों में तब्दील हुई। 1965 की इस पहली मुलाकात के बाद तीन साल तक राजीव और सोनिया का अफेयर चला। जैसे ही सोनिया 21 साल की हुईं उसके बाद उनके घरवाले राजीव संग शादी को तैयार हो गए।  25 फरवरी 1968 को दिल्ली में राजीव और सोनिया ने सात फेरे लिये।

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