आरजेडी प्रमुख और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव की वाक्पटुता का कोई सानी नहीं है। अपनी हाजिरजवाबी को लेकर लालू प्रसाद यादव अक्सर सुर्खियों में रहते हैं। हालांकि, लालू प्रसाद यादव आज जिस मुकाम पर हैं, उसके पीछे उनके बड़े भाईयों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। लालू के बड़े भाई पटना के कृषि फार्म और पशु चिकित्सालय में चपरासी की नौकरी किया करते थे। इसी बात को लेकर जब लालू यादव से पूछा गया, “आपके भाई उन्होंने आपको पढ़ाया, आपकी मदद की और यहां तक पहुंचाया। उन सब के लिए आपने क्या किया?”
इस पर लालू यादव ने बेहद ही बेबाकी से जवाब देते हुए कहा, “चपरासी हैं, वही मेरे लिए पूंजी है। मैं उनको तो कलेक्टर नहीं बना सकता ना। मेरे सभी भाई हैं। वहीं पर खुश हैं वो। जहां हैं वहीं पर प्रसन्न है कि उनका भाई राज्य का मुख्यमंत्री है।” बता दें, लालू प्रसाद यादव ने इस बात का जिक्र राजीव शुक्ला के शो ‘रूबरू’ के दौरान किया था।
वहीं, जब लालू प्रसाद यादव से राजीव शुक्ला ने पूछा कि आपने 9 बच्चे पैदा क्यों किए? इस पर उन्होंने कहा, “हर मां चाहती है कि पुत्र पैदा हो। ये बात सही है कि हमारे यहां भी, रिश्तेदारी से लकर घर तक, सभी लोगों के मन में हुआ कि इसको संतान नहीं हुआ। हमारी पत्नी काफी चिंतित रहती थी। तो पुत्र की प्रत्याशा में पुत्री हो गईं। लक्ष्मी हो गईं सात। फिर दो पुत्र हो गए।”
लालू प्रसाद की शुरू से ही राजनीति में काफी दिलचस्पी थी। इस बात का जिक्र उन्होंने इंटरव्यू में भी किया। 11 जून 1947 में गोपालगंज जिले के फुलवरिया गांव में जन्में लालू यादव में लीडरशिप का गुण शुरुआत से ही विद्यमान था।
कॉलेज के दौरान लालू प्रसाद यादव राजनीति से जुड़े। उनकी शुरुआत छात्र नेता के तौर पर हुई थी। हालांकि, इसी दौरान जब जयप्रकाश नारायण के आंदोलन से लालू जुड़े, तो उनके जीवन में बड़ा उलटफेर हुआ। मात्र 29 साल की उम्र में लालू प्रसाद यादव को छठी लोकसभी के लिए चुन लिया गया था।
1990 में लालू प्रसाद यादव जनता दल पार्टी से बिहार के पहली बार मुख्यमंत्री बने थे। वहीं, साल 1997 में वह जनता दल से अलग हो गए और उन्होंने राष्ट्रीय जनता दल पार्टी का निर्माण किया। 1997 में ही जब लालू यादव पर चारा घोटाले का आरोप लगा, तो उन्हें मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा। बता दें, अपने कार्यकाल में लालू प्रसाद यादव 8 बार बिहार विधानसभा के सदस्य रह चुके हैं।