Kumar Vishwas Inspirational Quotes, Kavita, Poem: डॉ. कुमार विश्वास एक प्रसिद्ध और प्रतिष्ठित हिंदी कवि हैं, और भारत के युवाओं के बीच एक आइकन बन गए हैं। युवाओं के बीच उनकी लोकप्रियता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर उनके वीडियो को ऑनलाइन देखने वाले लाखों लोग और उनके आधिकारिक पेज को एक महीने में लाखों क्लिक करते हैं। अन्ना हजारे के नेतृत्व में भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन ने डॉ. कुमार विश्वास को आंदोलन के कई प्रस्तावकों में से एक के रूप में देखा गया। उन्हें आंदोलन का समर्थन करने के लिए 16 अगस्त 2011 को गिरफ्तार भी किया गया था।
1994 में, डॉ. कुंवर बाइचैन काव्य सम्मान अवाम पुरुस्कार समिति ने उन्हें कवि कुमार पुरस्कार से सम्मानित किया। 2004 में उन्हें उन्नाव में साहित्य भारती द्वारा डॉ. सुमन अलंकार पुरस्कार मिला। 2006 में उन्हें हिंदी-उर्दू पुरस्कार समिति द्वारा साहित्यश्री पुरस्कार दिया गया। 2010 में उन्हें बदायूं में डॉ. उर्मिलेश जन चेतना समिति द्वारा डॉ. उर्मिलेश “गीत श्री” सम्मान दिया गया। आइए डॉ. कुमार विश्वास के कुछ बेहतरीन और प्रसिद्ध कविताओं को जानते हैं-
1. कोई दीवाना कहता है (कविता) / कुमार विश्वास
कोई दीवाना कहता है, कोई पागल समझता है !
मगर धरती की बेचैनी को बस बादल समझता है !!
मैं तुझसे दूर कैसा हूँ , तू मुझसे दूर कैसी है !
ये तेरा दिल समझता है या मेरा दिल समझता है !!
2. बाँसुरी चली आओ / कुमार विश्वास
तुम अगर नहीं आई गीत गा न पाऊँगा
साँस साथ छोडेगी, सुर सजा न पाऊँगा
तान भावना की है शब्द-शब्द दर्पण है
बाँसुरी चली आओ, होंठ का निमंत्रण है
3. मेरे पहले प्यार / कुमार विश्वास
ओ प्रीत भरे संगीत भरे!
ओ मेरे पहले प्यार!
मुझे तू याद न आया कर
ओ शक्ति भरे अनुरक्ति भरे!
नस-नस के पहले ज्वार!
मुझे तू याद न आया कर।
4. मै कवि हूँ / कुमार विश्वास
सम्बन्धों को अनुबन्धों को परिभाषाएँ देनी होंगी
होठों के संग नयनों को कुछ भाषाएँ देनी होंगी
हर विवश आँख के आँसू को
यूँ ही हँस हँस पीना होगा
मै कवि हूँ जब तक पीड़ा है
तब तक मुझको जीना होगा
5. ये वही पुरानी राहें हैं / कुमार विश्वास
चेहरे पर चँचल लट उलझी, आँखों में सपन सुहाने हैं
ये वही पुरानी राहें हैं, ये दिन भी वही पुराने हैं
कुछ तुम भूली कुछ मैं भूला मंज़िल फिर से आसान हुई
हम मिले अचानक जैसे फिर पहली पहली पहचान हुई
आँखों ने पुनः पढी आँखें, न शिकवे हैं न ताने हैं
चेहरे पर चँचल लट उलझी, आँखों में सपन सुहाने हैं
6. तुम अगर नहीं आयीं / कुमार विश्वास
तुम अगर नहीं आयीं, गीत गा ना पाऊँगा।
साँस साथ छोडेगी, सुर सजा ना पाऊँगा।
तान भावना की है, शब्द-शब्द दर्पण है,
बाँसुरी चली आओ, होट का निमन्त्रण है।
तुम बिना हथेली की हर लकीर प्यासी है,
तीर पार कान्हा से दूर राधिका सी है।