समाजवादी पार्टी ने लखनऊ (उत्तरी) सीट से छात्र नेता रहीं और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को काला झंडा दिखाकर चर्चा में आईं पूजा शुक्ला को मैदान में उतारा है। आपको बता दें कि इस सीट से अखिलेश यादव के करीबी माने जाने वाले अभिषेक मिश्रा का टिकट काटकर 28 वर्षीय पूजा शुक्ला को मैदान में उतारा है। अभिषेक लखनऊ की ही सरोजनी-नगर सीट से मैदान में हैं।
कौन हैं पूजा शुक्ला?: पूजा शुक्ला छात्र नेता रही हैं। साल 2017 में वह तब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को काला झंडा दिखाकर चर्चा में आई थीं। दरअसल, सीएम योगी लखनऊ यूनिवर्सिटी के एक कार्यक्रम में पहुंचे थे, जहां पूजा शुक्ला ने उनका विरोध किया था और काला झंडा दिखाया था। पूजा की इसी कार्यक्रम से जुड़ी एक तस्वीर भी सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुई थी, जिसमें उन्हें पुलिस घसीट कर ले जा रही थी।
26 दिन रहना पड़ा था जेल में: सीएम योगी को काला झंडा दिखाने के आरोप में पूजा को 26 दिनों तक जेल में रहना पड़ा था। इसके अलावा समाजवादी छात्र सभा की पूर्व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रहीं पूजा शुक्ला ने जब यूनिवर्सिटी के नए सत्र में दाखिले के लिए आवेदन किया तो इसे कैंसिल कर दिया गया था। जिस वजह से उन्हें प्रवेश नहीं मिला। इसे लेकर पूजा शुक्ला, लखनऊ यूनिवर्सिटी में करीब दो महीने तक हड़ताल पर बैठी रहीं थी।
युवाओं से लेकर बुजुर्गों के बीच पैठ: लखनऊ विश्वविद्यालय की छात्र राजनीति से अपने राजनीतिक सफ़र की शुरुआत करने वालीं पूजा शुक्ला करीब तीन साल से सक्रिय सियासत में हैं। खबरों के अनुसार, पूजा ने वामपंथी संगठन आइसा से छात्र नेता के तौर पर सियासी सफर की शुरुआत की थी। बाद में समाजवादी पार्टी की तरफ झुकाव आया। वह युवाओं के साथ-साथ महिलाओं और बुजुर्गों के बीच भी काम करती रही हैं।
पिता प्रॉपर्टी डीलर तो मां हैं हाउस वाइफ: पूजा शुक्ला किसी बड़े परिवार से नहीं बल्कि एक सामान्य परिवार से ताल्लुक रखती हैं। पूजा के पिता प्रॉपर्टी डीलिंग का काम करते हैं और मां हाउस वाइफ हैं। पूजा की छोटी बहन अभी पढ़ाई कर रही हैं।
CAA-NRC का भी किया था विरोध: पूजा शुक्ला, योगी सरकार को हर मोर्चे पर घेरती दिखी हैं।CAA-NRC के खिलाफ जब लखनऊ के घंटाघर पर पर विरोध प्रदर्शन हो रहा था, तब भी पूजा शुक्ला ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया था। यहां ही उन्हें गिरफ्तार किया गया था।
आपको बता दें कि बीजेपी ने लखनऊ उत्तरी सीट से नीरज बोरा को टिकट दिया है। पूजा शुक्ला का मुकाबला, नीरज बोरा से होगा। दोनों के बीच कड़ा मुकाबला होने की संभावना है। देखना दिलचस्प होगा कि पूजा शुक्ता को उम्मीदवार बनाने से सपा को कितना फायदा होता है।