टाइफाइड बुखार साल्मोनेला टाइफी नामक खतरनाक बैक्टीरिया के कारण होता है। साल्मोनेला टाइफी बैक्टीरिया गंदे पानी और खाने के जरिए शरीर में प्रवेश करके पाचन तंत्र को प्रभावित करता है। टाइफाइड के बैक्टीरिया दूषित पानी पीने से और दूषित भोजन करने से और संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से फैलता है।

टाइफाइड बुखार दुनिया भर में लोगों के लिए एक गंभीर खतरा है जिससे हर साल लगभग 27 मिलियन या अधिक लोगों को प्रभावित होते हैं। भारत, दक्षिण पूर्व एशिया, अफ्रीका, दक्षिण अमेरिका और कई अन्य क्षेत्रों में इन बीमारी का खतरा अधिक रहता है। इस बीमारी से सबसे ज्यादा खतरा बच्चों को होता है। बच्चों में इस बीमारी के लक्षण व्यस्कों की तुलना में कम होते हैं।

गर्मी के दिनों में इस बीमारी के फैलने का खतरा ज्यादा रहता है। इस बीमारी की वजन से मरीज में कई तरह के बदलाव और परेशानियां आती है। अगर लक्षणों की समय पर पहचान कर ली जाएं तो बीमारी के जोखिम से बचा जा सकता है। आइए जानते हैं कि इस बीमारी के लक्षण कौन-कौन से है और उनसे बचाव कैसे करें।

टाइफाइट के लक्षण:

  • तेज बुखार जो 104.9 एफ (40.5 सी) तक पहुंच जाता है।
  • सिर दर्द
  • पेट दर्द
  • कब्ज या दस्त होना।
  • कमजोरी और थकान
  • मांसपेशियों में दर्द
  • पसीना आना
  • सूखी खाँसी
  • भूख न लग्न
  • दस्त या कब्ज</li>
  • खरोंच
  • अत्यधिक सूजा हुआ पेट

अधिकांश लोग जिन्हें टाइफाइड बुखार होता है, वे एंटीबायोटिक दवाओं से उपचार शुरू करने के कुछ दिनों बाद बेहतर महसूस करते हैं। टाइफाइड की जटिलताओं से बहुत कम मर सकते हैं। टाइफाइड बुखार के खिलाफ टीके केवल आंशिक रूप से प्रभावी होता हैं। टीके आमतौर पर उन लोगों के लिए होते हैं जो इस बीमारी के संपर्क में आ सकते हैं या जो उन क्षेत्रों की यात्रा कर रहे हैं जहां टाइफाइड बुखार आम है।

इस बीमारी से बचाव कैसे करें।

  • साफ और स्वच्छ पानी पीएं।
  • बेहतर स्वच्छता और पर्याप्त चिकित्सा देखभाल टाइफाइड बुखार को रोकने और नियंत्रित करने में मदद कर सकती है।
  • टाइफाइड बुखार को नियंत्रित करने के लिए टीके सबसे अच्छा तरीका है।
  • यदि आप उन क्षेत्रों की यात्रा कर रहे हैं जहां टाइफाइड बुखार होने का खतरा अधिक है, तो आप वैक्सीन जरूर लगवाएं।
  • गर्म पानी और साबुन से हाथ धोएं।
  • कच्ची चीज़ों का सेवन नहीं करें। फलों को छील कर खाएं।
  • लोगों से दूरी बनाकर रखें ताकि संक्रमण फैलने का खतरा कम रहे।
  • खाना अकेले खाएं दूसरों के साथ शेयर नहीं करें।
  • बाजार की बनी चीजों को खाने से बचें
  • भारी खाना मांस, मछली और मटन खाने से परहेज करें।
  • दारु-शराब, सिगरेट का सेवन नहीं करें।