हर देश के अपने कुछ राष्ट्रीय प्रतीक होते हैं जो कि उस देश की छवि और गरिमा को दर्शाते हैं। भारत के भी कई राष्ट्रीय प्रतीक हैं और हर किसी का अपना महत्व भी है। जैसे कि राष्ट्रीय पशु बाघ है और यह देश कि समृद्ध वन्य जीवन को दर्शाता है साथ ही हर राष्ट्रीय प्रतीक को चुनने के पीछे कई कारण भी होते हैं। तो आइए जानते हैं भारत के राष्ट्रीय पक्षी मोर के बारे में कुछ दिलचस्प जानकारी और आखिर मोर ही क्यों राष्ट्रीय पक्षी घोषित हुआ? बता दें कि 26 जनवरी 1963 में भारत के राष्ट्रीय पक्षी के रूप में मोर को घोषित किया गया था।

जैसा कि हमने बताया हर राष्ट्रीय प्रतीक को चुनने के पीछे कई कारण होते हैं। ठीक वैसे ही मोर को राष्ट्रीय पक्षी चुनने के लिए भी कई कारण हैं , लेकिन इन कारणों के बारे में बहुत कम लोग जानते हैं। तो आइए जानते हैं मोर को राष्ट्रीय पक्षी चुनने के क्या कारण थे और यह राष्ट्रीय प्रतीक देश के बारे में क्या दर्शाता है।

मोर को राष्ट्रीय पक्षी चुने जाने के कारण

जैसा कि हम सभी जानते हैं भारत देश में तरह-तरह के पशु -पक्षी पाए जाते हैं। बता दें कि 1963 में जब मोर को राष्ट्रीय पक्षी घोषित किया गया तो उसके पीछे कई कारण भी रहे थे। मोर को राष्ट्रीय पक्षी इसलिए चुना गया क्योंकि यह पूरी तरह से भारतीय संस्कृति और परंपरा का हिस्सा है और मोर सुंदरता प्रतीक भी माना जाता है।

इसके अलावा मोर पूरे देश में पाए जाते हैं, हर भारतीय मोर से भलीभांति परिचित भी है। इन्हीं कारणों के चलते मोर को राष्ट्रीय पक्षी घोषित किया गया। हालांकि वातावरण में कुछ बदलाव और जंगलों के कटाव के कारण मोरों कि संख्या अब धीरे-धीरे घटने भी लगी है। बता दें कि भारत के अलावा मोर किसी और देश का राष्ट्रीय पक्षी नहीं है।

राष्ट्रीय पक्षी के हित में बनाए गए कानून

बात दें कि हर राष्ट्रीय प्रतीक की सुरक्षा के लिए कानून बनाए जाते हैं। ताकि किसी भी राष्ट्रीय प्रतीक को कोई ठेस या हानि न पहुंचे। ठीक उसी प्रकार मोर कि सुरक्षा के लिए भी कुछ सख्त नियम बनाएं गए हैं। दरअसल वन्यजीव संरक्षण की धारा 9/91 के तहत पशु पक्षियों की हत्या और शिकार का केस दर्ज किए जाते हैं। इसके अलावा वन्यजीव संरक्षण अधिनियम में मोर की सुरक्षा धारा 51 (1-A ) के तहत की जाती है।

जिसमें मोर की हत्या या शिकार करना कानूनी अपराध है। अगर कोई व्यक्ति ऐसा करता है तो उसको सजा दी जाएगी। बता दें कि इस कानून के तहत अगर कोई व्यक्ति मोर की हत्या कर देता है तो उसको कम से कम 7 साल की जेल हो सकती है। इसके अलावा मोर को पालने पर भी कड़ी सख्ताई और पाबंदी हैं कोई भी व्यक्ति मोर को अपने घर में नहीं पाल सकता है।