प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं के शरीर में कई तरह के बदलाव देखने को मिलते हैं। कई बार अधिक स्ट्रेस लेने के कारण गर्भवती महिलाओं का स्वाभाव में चिडचिडापन आने लगता है और इस कारण भी मूड स्विंग स अधिक होने लगते हैं।इसलिए ऐसे समय में महिलाओं को अपनी सेहत का खास ख्याल रखने की जरूरत होती है।

बता दें कि आमतौर पर महिलाओं को प्रेग्नेंसी के पहली तिमाही और आखिरी 3 महीनों में मूड स्विंग्स की परेशानी अधिक होती है प्रेग्नेंसी के दौरान मूड स्विंग होना एक सामान्य बात है लेकिन कई बार मूड स्विंग्स बढने के कारण गर्भ में पल रहे बच्चे की सेहत को भी नुकसान पहुंच सकता है। इसलिए ऐसे समय में महिलाओं को अपनी सेहत का खास ख्याल रखने की जरूरत होती है। बता दें कि अधिकतर महिलाओं में मूड स्विंग्स की समस्या सबसे ज्यादा होती है। आइए जानते हैं किन कारणों से मूड स्विंग्स की समस्या अधिक होती है और कैसे मूड स्विंग्स को कंट्रोल या कम किया जा सकता है।

प्रेग्नेंसी में मूड स्विंग्स से होने वाली परेशानियां

प्रेग्नेंसी के दौरान अधिक मूड स्विंग्स होने के कारण बच्चे और मां दोनों की सेहत पर खराब असर पड़ता है। अगर महिलाओं को बार-बार मूड स्विंग्स की समस्या हो रही है तो इससे उनकी मेंटल स्टेट भी प्रभावित होने लगती है और वह खुद को बहुत कमजोर समझने लगती है जिस कारण उनकी पूरी हेल्थ पर काफी नेगेटिव प्रभाव भी पड़ता है।

प्रेग्नेंसी के दौरान मूड स्विंग्स होने के कारण

  • एंग्जायटी और स्ट्रेस के कारण
  • अधिक वजन बढने के कारण
  • स्ट्रेस लेने के कारण
  • होर्मोनेस में बदलाव के कारण
  • किसी अन्य बीमारी के कारण
  • व्यस्त दिनचर्या के कारण

ऐसे कर सकते हैं मूड स्विंग्स को कंट्रोल

पर्याप्त मात्रा में नींद लें : हेल्थ एक्सपर्ट के अनुसार प्रेग्नेंसी के दौरान कम नींद लेने के कारण भी कई बार मूड स्विंग्स की शिकायत होती रहती है। इसलिए ऐसे स्थिति में महिलाओं को कम से कम 8घंटे की नींद अवश्य लेनी चाहिए। इसके अलावा अगर दिन के समय में थोड़ी देर रेस्ट अवश्य करें। ऐसा करने से थकावट भी कम महसूस होगी और मूड स्विंग्स भी कम होंगे ।

रोजाना एक्सरसाइज करें : प्रेग्नेंसी के दौरान शरीर में कई तरह के बदलाव होते हैं।जिसमें से अधिक वजन बढने की परेशानी भी रहती है इसलिए महिलाओं को अपनी हेल्थ के अनुसार रोजाना कम से कम 20 मिनट एक्सरसाइज जरूर करनी चाहिए दरअसल एक्सरसाइज करने से दिमाग तरोताजा महसूस करता है। जिससे मूड स्विंग्स को भी कंट्रोल किया जा सकता है कई बार अधिक स्ट्रेस लेने के कारण गर्भवती महिलाओं का स्वाभाव में चिड़चिड़ापन आने लगता है और इस कारण भी मूड स्विंग अधिक होने लगते हैं।

स्ट्रेस कम लें: प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं के लिए स्ट्रेस लेना हनिकारक साबित हो सकता है। दरअसल स्ट्रेस न केवल गर्भवती महिला के लिए हानिकारक होता है बल्कि गर्भ में पल रहे शिशु की सेहत के लिए भी नुकसानदायक हो सकता है। कई बार अधिक स्ट्रेस लेने के कारण गर्भवती महिलाओं का स्वाभाव में चिडचिडापन आने लगता है और इस कारण भी मूड स्विंग स अधिक होने लगते हैं।

हेल्दी डाइट फॉलो करें : भोजन का सीधा असर आपके मूड पर होता है वहीं दूसरी ओर अधिक कैलोरी वाले भोजन का सेवन करने से मूड स्विंग्स ट्रिगर होने लगते हैं। इसलिए ऐसी समस्या से बचने के लिए प्रेग्नेंसी के दौरान हेल्दी डाइट को फॉलो करें और भूख लगने पर कुछ न कुछ जरूर खाएं।