किडनी हमारी बॉडी का अहम अंग है जो हमारी बॉडी से विषैले पदार्थों को निकालकर हमारी बॉडी की सफाई करती है। किडनी बॉडी से टॉक्सिन को ब्लैडर में भेजती है, जहां यूरिन के जरिए ये शरीर से बाहर निकल जाते हैं। जब किडनी में किसी तरह की परेशानी हो जाती है तो ये विषाक्त पदार्थों को सही तरीके से खून से फिल्टर नहीं कर पाती और बॉडी टॉक्सिन से भर जाती है।

अच्छी सेहत के लिए किडनी की सेहत का ध्यान रखना जरूरी है। खराब खान-पान की वजह से किडनी में इंफेक्शन का खतरा बढ़ सकता है। कई बार किडनी में इंफेक्शन ब्लैडर इंफेक्शन और यूरेथ्रा के कारण भी हो सकता हैं। ऐसी स्थिति में बैक्टीरिया ब्लैडर या यूरेथ्रा में पनपते हैं और बढ़ते-बढ़ते किडनी तक पहुंच जाते हैं।

किडनी इंफेक्शन यूटीआई (Urinary tract infections) का ही एक पार्ट माना जाता है। किडनी का इंफेक्शन एक ऐसी परेशानी हैं जिसके लक्षण बॉडी में जल्द ही दिखने लगते हैं। आइए जानते हैं कि किडनी में इंफेक्शन के लक्षण कौन-कौन से हैं और किन लोगों को इस इंफेक्शन का ज्यादा खतरा रहता है।

किडनी इंफेक्शन का खतरा किन लोगों को होता है: किडनी में इंफेक्शन का खतरा पुरुषों के मुकाबले महिलाओं को ज्यादा होता है। ये बीमारी किसी भी उम्र में हो सकती है। महिलाओं में इस बीमारी के ज्यादा होने का सबसे बड़ा कारण urethra के साइज का छोटा होना है, जिसकी वजह से बैक्टीरिया जल्दी किडनी तक पहुंच जाते हैं।

किडनी इंफेक्शन के लक्षण: बगल में एक तरफ दर्द होना, पीठ के निचले हिस्से के आस-पास दर्द होना, बॉडी का तापमान बढ़ना, कंपकंपी लगना, कमजोरी और थकान महसूस होना, भूख में कमी और मचली होना, उल्टी-दस्त होना, पेशाब में जलन और दर्द, बार-बार यूरीन आना, यूरीन में ब्लड आना शामिल है।

किडनी इंफेक्शन से कैसे करें बचाव: किडनी इंफेक्शन से बचाव करना है तो urethra को बैक्टीरिया मुक्त रखें।

  • प्राइवेट पार्ट की साफ- सफाई रखने से किडनी इंफेक्शन का खतरा कम होता है।
  • महिला टॉयलेट सीट पर बैठकर ही यूरीन डिस्चार्ज करें वरना मूत्राशय में यूरीन रह सकता है जो इंफेक्शन का कारण बनता है।
  • किडनी की अच्छी सेहत के लिए अधिक से अधिक पानी का सेवन करें।
  • डाइट में फाइबर से भरपूर फूड का सेवन करें। एक दिन में फाइबर की 20-30 ग्राम तक की मात्रा को डाइट में शामिल करें।
  • स्वस्थ भोजन और नियमित एक्सरसाइज के अलावा वजन को कंट्रोल में रखें। बढ़ता वजन डायबिटीज, दिल के रोग से जुड़ी अन्य बीमारियों का खतरा पैदा कर सकता है।