Chhath Puja Kharna Prasad: छठ महापर्व शुरू हो चुका है। आज नहाय खाय है और कल खरना होगा। असल में छठ पर्व की शुरुआत खरना से ही माना जाता है जब महिलाएं व्रत करना शुरू कर देती हैं और घरों में पूजा शुरू हो जाती है। खरना का मतलब होता है व्रती नहाय खाय के दिन अपने शरीर और मन को शुद्ध करती हैं और फिर व्रत रखती हैं। इसके बाद महिलाएं रसियाव भात बनाती हैं और छठी मईया क इसका भोग लगाती हैं और फिर इसे अपने परिवार जनों के साथ बांटकर खुद खाती हैं। इसके बाद शुरू होता है निर्जला व्रत। तो आइए जानते हैं रसियाव भात की रेसिपी।

रसियाव भात क्या है-What is Rasiyaw bhaat

रसियाव भात असल में छठी माता को चढ़ने वाला प्रसाद है जो कि खरना के दिन बनाया जाता है। ये गुड़ की खीर है जो कि चावल या फिर दरदरे गेहूं से बनती है। इस खीर को मिट्टी के चूल्हे पर बनाया जाता है और फिर केले के पत्ते पर भोग लगाया जाता है। भोग में रोटी बनाई जाती है जिसमें घी लगाया जाता है, फिर इस पर खीर रखकर, साथ में केला रखकर पानी से अर्पण किया जाता है और भगवान को भोग लगाया जाता है।

रसियाव की रेसिपी-Rasiyaw bhaat Recipe

सामग्री

-चावल या दरदरा गेहूं
-पानी
-दूध
-गुड़
-इलायची

रसियाव बनाने का तरीका

-रसियाव बनाने के लिए सबसे पहले पानी में चावल या दरदरा गेहूं के टुकड़े को पकाया जाता है।
-जब ये पूरी तरह से पक जाता है तो इसमें गुड़ या गुड़ का पाउडर डालकर मिलाया जाता है।
-दोनों को अच्छी तरह से पकाया जाता है और फिर जब गुड़ भी पिघल जाए तो इसमें दूध मिलाया जाता है।
-फिर इसमें इलायची को पाउडर बनाकर मिलाते हैं और खीर बनाकर इसे केले के पत्ते से ढक देते हैं।

इस पूरे खीर को धीमी आंच पर पकाया जाता है और फिर इसे केले के पत्ते पर रोटी में घी लगाकर भोग लगाएं। फिर इसमें केला छिलकर इसके साथ भोग लगाएं और फिर इसे खाएं।