वर्ष 1962 में चीन ने भारत में हमला कर दिया। उस वक्त भारत के प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू हिंदी-चीनी भाई-भाई का राग अलाप रहे थे। हमले के बाद चीन ने भारत के 72 हजार वर्ग मील जमीन पर कब्जा कर लिया। 1962 के युद्ध को लेकर संसद में काफी बहस हुई। उन दिनों अक्साई चिन चीन के कब्जे में चले जाने को लेकर विपक्ष ने हंगामा काट रखा था। सभी विपक्षी सांसदों को मानाने- समझने के लिए नेहरू संसद पहुंचे हुए थे। लेकिन नेहरू को उम्मीद नहीं थी कि उनके विरोध में सबसे बड़ा चेहरा उनके अपने मंत्रिमंडल का होगा।
जब नेहरू की कर दी बोलती बंद: विपक्ष कुछ बोलता इससे पहले ही कांग्रेसी सांसद महावीर त्यागी ने नेहरू के सामने एक तगड़ा सवाल दागते हुए पूछा कि आप ये 72 हजार वर्ग मील जमीन को कब वापस ला रहे हैं? इसपर प्रधानमंत्री नेहरू ने जवाब देते हुए कहा कि नॉट ए ब्लेड ऑफ़ ए ग्रास ग्रोज़ देयर (अक्साई चिन में तिनके के बराबर भी घास तक नहीं उगती, वो बंजर इलाका है।)
भरी संसद में महावीर त्यागी ने अपना गंजा सिर नेहरू को दिखाया और कहा- यहां भी कुछ नहीं उगता तो क्या मैं इसे कटवा दूं या फिर किसी और को दे दूं। जरा सोचिये इस जवाब को सुनने के बाद नेहरू की क्या हालत हुई होगी? ऐसे मंत्री हों तो विपक्ष की किसे जरूरत? लेकिन महावीर त्यागी ने ये साबित कर दिया था कि व्यक्ति पूजा के बजाय देश की पूजा का महत्व होना चाहिए। (यह भी पढ़ें- जब होने वाली पत्नी से हुआ था सुनील दत्त का सामना, नरगिस से नहीं कर पाए थे सवाल)
कौन है महावीर त्यागी: अंग्रेजी फौज का एक अधिकारी, जो सैन्य अधिकारी वाली नौकरी छोड़कर वो स्वतंत्रता आंदोलन में कूद पड़ा था और देश आजाद होने के बाद मंत्री बन गया। 13 अप्रैल 1919 को जलियांवाला बाग कांड के बाद अंग्रेज सरकार से पंगा ले लिया था। जिसे असहयोग आंदोलन से लेकर भारत छोड़ो आंदोलन तक सक्रिय रहने पर 11 बार अंग्रेजों ने जेल में डाला। महावीर त्यागी को देश की एक इंच जमीन भी किसी को देना गवारा नहीं था, चाहे वो बंजर ही क्यों ना हो। इन सबके सबके बाद भी महावीर त्यागी की नेहरू से कोई दुश्मनी थी। वह दोनों बेहद पक्के दोस्त थे। (यह भी पढ़ें- पिता को विदेश में छोड़कर अकेले भारत लौट आई थीं इंदिरा गांधी, पति फिरोज गांधी थे वजह)
व्यक्ति पूजा के खिलाफ: कांग्रेस के इतिहास में महावीर त्यागी वो पहले नेता थे जिन्होंने पैर छूने की परम्परा पर रोक लगाने की मांग की थी। कांग्रेस के यही एक नेता ऐसे थे जो व्यक्ति पूजा के खिलाफ थे। इसके अलावा उन्होंने कांग्रेस के इतिहास में वो पहला नेता था। एक बार ऐसे ही प्रधानमंत्री नेहरू ने महावीर त्यागी को लंच पर बुलाया था। इस दौरान नेहरू सेब के छिलके को उतारकर एक तरफ रख रहे थे और बिना छिलके वाला सेब खा रहे थे। तभी यह देखकर त्यागी बोले, पंडित जी असली सार तो सेब का छिलके में है। वही हटा दे रहे हैं। यह सुनकर नेहरू मुस्कुराये और बोले, इसीलिए तो सब छिलके तुम्हारे लिए इकट्ठा करता जा रहा हूं।