राजस्थान के आईपीएस अफसर सत्यनारायण प्रजापत (28) ने शोभा (26) से शादी की है। इनकी शादी कई मायनों में खास है। केवल इसलिए नहीं, क्योंकि यह अंतरजातीय शादी है और बिना किसी चमक-दमक के एकदम साधारण तरीके से गई है, बल्कि इसलिए भी कि यह शादी छोटे शहरों के छोटे सोच से लड़ने की कहानी है।
सत्यनारायण और शोभा की दोस्ती स्कूल के जमाने से ही थी। कॉलेज आने पर दोनों एक-दूसरे के साथ का निश्चय कर चुके थे। फिर, दोनों ने अपने रिश्तों की परीक्षा दी। जब ये सफल हो गए तो समाज ने इनकी परीक्षा ली। पर, ये हर परीक्षा में पास हुए और अंतत: एक-दूसरे सेे शादी का वादा पूरा कर ही माने।
सत्य नारायण के पिता जगदीश प्रसाद किसान और मां भगवानी देवी गृहिणी हैंं। प्रजापत की 10वीं तक पढाई सुजानगढ़ में ही हुुुुई। फिर 12वीं दिल्ली से और बी.टेक (केमिकल इन्जीनियरिंग) व एनआईटी वारंगल (आंध्र प्रदेश) से की। 2015 में उन्होंने रिलायंस पेट्रोलियम के जामनगर प्लांट में नौकरी शुरू की। साथ ही यूपीएससी परीक्षा की तैयारी जारी रखी। 2019 में (दूसरे प्रयास में) 445वीं रैंक के साथ उन्होंने सफलता हासिल की। सत्य नारायण की रुचि सामान्य ज्ञान की किताबें पढ़ने और क्रिकेट खेलने में है। उनके परिवार में छोटे भाई प्रमोद, विकास, आकाश और बहन श्रीप्रणा हैं।
शोभा के पिता सुरेन्द्र वर्मा सरकारी शिक्षक हैं। शोभा केंद्रीय उत्पाद व आबकारी विभाग में इंस्पेक्टर हैं। सत्य नारायण और शोभा सुजानगढ (चुरू, राजस्थान) के एक ही मोहल्ले (नयाबास) के हैं। सत्य नारायण की तैनाती बरेली (उत्तर प्रदेश) में बतौर एएसपी और शोभा की भुवनेश्वर (ओड़ीशा) में है। ऐसे शुरू हुआ प्रेम: सत्यनारायण और शोभा की प्रेम कहानी 2008 में शुरू हुई थी।
दोनों एक ही मोहल्ले के हैं और एक ही स्कूल में पढ़ते थे। दो साल बाद दोनों ने एक-दूसरे के साथ रहने का वादा किया। यह वादा कर सत्यनारायण आगे की पढ़ाई के लिए दिल्ली चले गए। तब से जामनगर में नौकरी तक दोनों ने दूर से ही रिश्ता निभाया और रिश्ते को भरपूर मौका भी दिया। इसके बाद दोनों ने शादी का फैसला किया। पर शादी से पहले दोनों ने करिअर बनाने का फैसला किया।
पहले बनें समाज का सामना करने लायक: सत्यनारायण ने जनसत्ता.कॉम को बताया कि हमारे समाज में अंतरजातीय विवाह को आसानी से स्वीकार नहीं किया जाता और प्रेम विवाह को शक की नजर से देखा जाता है। इसलिए हम दोनों ने तय किया कि बेहतर कॅरिअर बना कर पहले समाज को चुप करने लायक हैसियत बनाई जाए। 2016 में शोभा सरकारी सेवा में गईं और 16 दिसंबर, 2019 को सत्यनारायण भी आईपीएस में भर्ती हो गए।
इसके बाद दोनों ने शादी के फैसले को मूर्त रूप देने का सोचा। शुरुआत मेें कुछ विरोध झेलना पड़ा, पर अंत अच्छा रहा। दोनों ने इसी साल पहले कोर्ट-मैरिज की और अब (10 दिसंबर) को सुजानगढ़ में परिवार व करीबी रिश्तेदारों के बीच धार्मिक व सामाजिक रस्में निभा कर परिवार-समाज का भी आशीर्वाद लिया।
सत्यनारायण कहते हैं- हमारी प्रेम कहानी छोटे शहर की है और हम जिस ग्रामीण भारत से आते हैं, वहां आज भी इसे आसानी से नहीं स्वीकारा जाता है। अब तक की यात्रा चुनौतीपूर्ण, पर दिलचस्प रही। 12 साल में हम दोनों ने कई उतार-चढ़ाव देखे, लेकिन एक-दूसरे का पूरा साथ दिया।