International Yoga Day 2020 Date, Theme: स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क का वास होता है। भारतीय संस्कृति और परंपरा में शरीर को स्वस्थ रखने के लिए कई तरह के अभ्यास बताए गए हैं। इन्हीं अभ्यासों को योग कहा जाता है। योग करने से शरीर और मस्तिष्क तो स्वस्थ रहता ही है, खान-पान के अनुशासन से पॉजिटिव ऊर्जा भी उत्पन्न होती है। इससे हमारे संपर्क में जो भी आता है, वह भी स्वयं को अच्छा अनुभव करता है। हमारे ऋषि-मुनि युगों-युगों से योग करते आ रहे हैं।

हमारी प्राचीन चिकित्सा प्रणाली में योग का बड़ा महत्व बताया गया है। योग करने और संयमित जीवन व्यतीत करने से न  सिर्फ व्यक्ति की लंबी आयु की मान्यता है, बल्कि वह पूरी तरह से निरोग और उत्साही रहता है। हमारी इस परंपरा के महत्व को अब पूरा संसार स्वीकार कर रहा है। दिसंबर 2014 में संयुक्त राष्ट्र संघ (United Nations Organisation) ने भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल पर 21 जून को हर वर्ष अंतरराष्ट्रीय योग दिवस (International Yoga Day) के रूप में मनाने का निर्णय लिया।

क्या है योग दिवस का इतिहास  (International Yoga Day History) : योग का इतिहास बहुत पुराना है। जब आधुनिक समाज व्यवस्था का विकास नहीं हुआ था, उस समय ऋषि-मुनि गुफाओं और पहाड़ों पर, नदियों और सागरों के किनारे, बागों और जंगलों में योग और प्राणायाम करते थे। हमारे प्राचीन ग्रंथों वेदों-पुराणों, रामायण, महाभारत आदि में इसका वर्णन मिलता है। अंतरराष्ट्रीय योग दिवस (International Yoga Day) की शुरुआत 2014 में नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री पद संभालने के बाद हुई। पीएम मोदी ने लोगों को स्वस्थ रहने के लिए प्रेरित करने की मंशा से सितंबर 2014 में संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) के अधिवेशन में इसका प्रस्ताव रखा था।

उन्होंने कहा कि 21 जून वर्ष का सबसे लंबा दिन होता है। इस दिन को योग दिवस के रूप में मनाया जाना चाहिए। उनके प्रस्ताव को 90 दिन के अंदर 11 दिसम्बर 2014 को संयुक्त राष्ट्र में 177 सदस्य देशों के पूर्ण बहुमत से मंजूरी मिल गई। इस तरह 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस (International Yoga Day) घोषित कर दिया गया। पहला अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 21 जून 2015 को पूरी दुनिया में मनाया गया। खास बात यह है कि खाड़ी देशों के इस्लामिक सरकारों ने भी अपने यहां इसका आयोजन किया और नागरिकों को योग करने का निर्देश दिया।

उद्देश्य (Objective): योग शिक्षा और योग करने से आत्म अनुशासन और आत्म-नियंत्रण (self-control) में मदद मिलती है। इससे जागरूकता, एकाग्रता और उच्च स्तर की चेतना (Consciousness) पैदा होती है। इसको करने से शारीरिक स्वास्थ्य  में वृद्धि होती है, साथ ही  मानसिक दृढ़ता आती है, आत्म विश्वास (Self-Confidence) और आत्मबल (Stamina) बढ़ता है। मानसिक कमजोरी, अवसाद, तनाव और मानसिक दबाव (Tension and stress), आलस्य और वैचारिक निर्बलता दूर होती है। प्राचीन चिकित्सा विज्ञान और आयुर्वेद के अनुसार योग करने से मधुमेह (Diabetes), रक्तचाप (Blood Pressure), शारीरिक चोटों (Physical Injuries) को कम करने और पुराने दर्द (Chronic Pain) जैसी कई बीमारियों से निजात मिलती है।

क्यों मनाते हैं योग दिवस (Why Celebrate Yoga Day): योग से केवल शारीरिक और मानसिक ताकत ही नहीं मिलती है, बल्कि यह एकता, अखंडता और भाईचारे (Unity, Integrity and Brotherhood) की भावना को भी बढ़ावा देता है। इससे दुनियाभर में आपसी संवाद कायम करने के साथ-साथ एक-दूसरे की भलाई के लिए मिलकर काम करने की प्रेरणा मिलती है। आज जब हर व्यक्ति विभिन्न तरह की समस्याओं से जूझता हुआ मशीन की तरह भागमभाग का जीवन जी रहा है, ऐसे में योग उसे इन समस्याओं से मुक्ति दिलाने और तनाव को दूर करने में मदद करता है।

संयुक्त राष्ट्र संघ (United Nations Organisation) में अपना प्रस्ताव रखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि “योग भारत की प्राचीन परंपरा का एक अमूल्य उपहार है यह दिमाग और शरीर की एकता का प्रतीक है; मनुष्य और प्रकृति के बीच सामंजस्य है; विचार, संयम और पूर्ति प्रदान करने वाला है तथा स्वास्थ्य और भलाई के लिए एक समग्र दृष्टिकोण को भी प्रदान करने वाला है। यह व्यायाम के बारे में नहीं है, लेकिन अपने भीतर एकता की भावना, दुनिया और प्रकृति की खोज के विषय में है। हमारी बदलती जीवन- शैली में यह चेतना बनकर, हमें जलवायु परिवर्तन से निपटने में मदद कर सकता है। आएं एक अंतरराष्ट्रीय योग दिवस को गोद लेने की दिशा में काम करते हैं।”

भारत में आयोजन (Events in India): भारत में 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस बड़े पैमाने पर मनाया जाता है। राजधानी दिल्ली समेत तमाम शहरों में आयोजन होते हैं। हालांकि इस बार कोरोना के चलते बाहर आयोजन नहीं होंगे। लोगों से अपने घरों में ही योग दिवस मनाने की अपील की गई है। इसी को ध्यान में रखते हुए  इस वर्ष अंतरराष्ट्रीय योग दिवस (International Yoga Day) का विषय (Theme) ‘घर पर योग, परिवार के साथ योग (Yoga at home, Yoga with Family)’ रखा गया है।

श्लोकों की अनिवार्यता हटा दी गई: बता दें कि अंतरराष्ट्रीय योग दिवस को विवादों से बचाने के लिए सूर्य नमस्कार और संस्कृत के श्लोकों की अनिवार्यता खत्म कर दी गई थी। आयुष मंत्री श्रीपद नाइक ने मुसलमानों को योग के दौरान श्लोक के स्थान पर अल्लाह के नाम का उच्चारण करने की सलाह दी थी।